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मैं और मेरी कामुक मम्मी (भाग-4)

by raviram69©

मैं और मेरी कामुक मम्मी (भाग-4)
(( मस्त मुममे वाली मम्मी को नींद की गोली देकर चोदा ))

प्रेषक : रविराम69 © "लॅंडधारी" (मस्तराम मुसाफिर)
Note:
All characters in this story are 18+. This story has adult and incest contents. Please do not read who are under 18 age or not like incest contents. This is a sex story in hindi font, adult story in hindi font, gandi kahani in hindi font, family sex stories

मेरा परिचय
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दोस्तो, मेरा नाम रविराम है, दोस्त मुझे 'लॅंडधारी रवि’ के नाम से बुलाते हैं। मेरा लंड 9 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा है। जब मेरा लंड खड़ा (टाइट) होता है तो ऐसा लगता है जैसे किसी घोड़े या किसी गधे का लंड हो । जिसके अन्दर जाये, उसकी चूत का पानी निकाल कर ही बाहर आता है, और वो लड़की या औरत मेरे इस लंबे, मोटे और पठानी लंड की दीवानी हो जाती है । आज तक मैंने बहुत सी शादीशुदा और कुवांरियों की सील तोड़ी है।


पटकथा: (कहानी के बारे में) :
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फिर अपने होंठो से और हाथो से सहलाने के बाद मैने उनकी पेंटी उतार दी और उनकी चूत को अपने मुहं में डालकर चूसने लगा और फिर मैने अपना लंड जो बहुत ज़्यादा टाईट हो चुका था। मैने उनकी चूत में अपने लंड को डाला और जोर जोर से धक्के देकर ऊपर नीचे हिलाने लगा। अब मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर और ऊपर मेरे मुहं में उनके बूब्स थे जिन्हे में जोर जोर चूस रहा था। फिर बहुत देर तक ये सब करने के बाद मैने अपनी स्पीड एकदम से बड़ा दी
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Story : कहानी:
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उस वक़्त मेरी उम्र 20 साल थी। उनके साथ उनका एक लड़का भी था, जो मेरी उम्र का ही था मेरी मम्मी इंग्लिश लेडी थी लेकिन उन्हे हिन्दी आती थी। उनका नाम कमली था और वो बहुत ही सुंदर औरत थी। उनकी हाईट 5’6” के करीब थी और उनकी उम्र 40-42 के आस पास थी। वो दिखने में बहुत हेल्थी, सेक्सी, गोल और बहुत ही टाईट बॉडी की मम्मी बहुत ही शानदार औरत थी। उनके बूब्स बहुत ही गोल और उभार में थे और बहुत टाईट थे।

शादी अटेंड करनी थी दिल्ली में थी। लेकिन दिल्ली जाने से कुछ घंटे पहले मम्मी की तबीयत थोड़ी खराब हो गयी। ये देख सभी ने ये सोचा कि मम्मी को घर पर ही रहने दिया जाए और मुझे भी घर पर रुकना था क्योंकि मेरे एग्जाम का एक पेपर बाकी था। इसलिए में और मम्मी ही घर में रुके और साथ में घर की नौकरानी भी थी उसका नाम उषा था जो की मम्मी की तबीयत का ख्याल रखने के लिए रुकी हुई थी।

सभी लोग चले गए दिल्ली। मेरा भी सुबह पेपर था इसलिए में जाकर अपने बेड पर सो गया। फिर अगले दिन में अपना लास्ट पेपर देकर स्कूल से घर आया में हैरान हो गया ये देखकर की मम्मी ने एक टी-शर्ट पहन रखी थी और नीचे उन्होने एक फुल टाईट सीलेक्स पहन रखी थी। तभी उन्होने मुझे देखकर स्माइल दी और फिर मुझसे लंच के लिये पूछा, मैने हाँ कहा और फिर मम्मी किचन में चली गयी और मेरे लिए सेंडविच बनाने लगी। फिर में उन्हे अपने रूम में से देख रहा था। किचन में मेरी नज़र अब बार बार उनके घुटनो से नीचे उनकी गोरी लंबी पिंडलियों की हेल्थी शेप पर और उनकी फैली हुई जांघों पर जो बहुत बड़ी और वाईट थी और साथ ही गोल और लंबी भी थी पर मेरी नजर जा रही थी और उनके हिप्स बहुत उभार में और भारी थे।

फिर अब ये देख देखकर मेरे माइंड में प्लानिंग चलने लगी कि मुझे क़िसी भी तरह मम्मी की हेल्थी भारी हुई पिंडलियो और मोटी मोटी जाघों को रग़ड रग़ड कर चूमना है। मैने इससे पहले कभी किसी भी औरत की इस तरह की टाँगो को और जाघों को नहीं देखा इतनी बड़ी गोल हेल्थी और मोटी मोटी। अब में प्लानिंग करने लगा और अब में मम्मी से ज़्यादा नज़दीकियां बनाने लगा। वो मुझे अच्छा समझने लगी थी।

फिर मैने मम्मी से कहा कि मुझे उनके साथ सोना है, क्योंकि मुझे अकेले डर लगता है। वो मेरी ये बात मान गयी मैने उन्हे बिल्कुल भी डाउट नहीं होने दिया कि में क्या करने की सोच रहा हूँ। तभी में अपनी मम्मी के रूम में गया और वहाँ उनकी अलमारी मे से एक नींद की गोली का पत्ता उठा लाया। मेरी मम्मी भी स्लीपिंग पिल्स लेती थी ये मुझे ध्यान था। फिर उन्हे मुझे अपनी मीठी बातों मे लेना शुरू किया मैने अब मम्मी को स्लीपिंग पिल्स खिलाने की तरकीब निकाली मैने मम्मी से कहा कि अगर वो सोने से पहले एक ग्लास दूध पीकर सोएगी तो उन्हे अच्छी नींद आयेगी, मेरी ये बात बोलने पर कमली मम्मी राज़ी हो गई थी।

अब खाना खाने कमली मम्मी बैठ गई लेकिन मैने पहले से ही एक ग्लास दूध निकाल कर उसमें एक स्लीपिंग पिल्स की गोली डालकर रख दी थी। तभी खाने के कुछ देर बाद उन्होने दूध पीया और फिर बेड पर सोने चली गयी और में भी उनके साथ बेड पर चला गया सोने के लिए। मैने अब टीवी ओन कर ली और उन्हें कहा कि आप मेरे सर की तरफ अपनी टांगे कर के सो जाए, तभी उन्होने कहा क्यों मैने कहा टीवी की लाईट आपकी आँखो पर नहीं आएगी मम्मी मान गयी और मेरे सर की तरफ अपनी टांगे कर के सो गयी।

अब में बहुत खुश हुआ। अब में मम्मी का गहरी नींद में जाने का वेट करने लगा था लेकिन मम्मी मेरी इस हरकत से बिल्कुल बेख़बर थी, जो में करने वाला था। फिर में मम्मी का इतना विश्वास जीत चुका था कि अगर कोई उन्हे बोल भी दे तो भी वो नहीं मानेगी कि में उन पर बुरी नज़र रखता हूँ। वो मुझे अभी छोटा बच्चा ही समझती थी। मम्मी को ये बिल्कुल नहीं मालूम था कि ये सब मेरी प्लानिंग है।

अब मेरी नज़र उनकी गोल हेल्थी पिंडलियों पर और उनकी मोटी मोटी बड़ी जांघों पर थी। जिन्हे चूमने के लिए में बेताब हो रहा था। अब वो बेख़बर होकर सो रही थी और गहरी नींद में जा चुकी थी। मम्मी मेक्सी पहन कर सो रही थी और में मम्मी के कंबल में सो रहा था। मम्मी का मुहं कंबल से बाहर था। ये देखकर मैने अपना मुहं कंबल मे डाल लिया और उनकी टाँगो के पास अपना मुहं ले जाने लगा और फिर अपने मुहं को मम्मी की टाँगों के बिल्कुल पास ले गया। अब मेरा मुहं मम्मी की टाँगो के बहुत ही ज़्यादा पास था। मम्मी की मेक्सी घुटनो तक ऊपर उठी हुई थी, में उनकी टाँगो की स्मेल को महसूस कर सकता था।

अब में धीरे धीरे अपने आप को नीचे किया और धीरे धीरे कोशिश करके अपने मुहं और होंटो को मम्मी की मोटी भारी हुई टाँगो की और ले गया। फिर मैने अपने काँपते होंठो से मम्मी की भरी हुई हेल्थी पिंडलियो को हल्का हल्का चूमना शुरू किया और कुछ ही पल मे उन्हे हल्का सा होश आया बाद में फिर वो दूसरी टाँग को अपनी उस टाँग पर उस जगह फिराने लगी जिस जगह में उन्हे हल्का हल्का चूम रहा था और फिर मम्मी ने अपनी करवट बदल ली और सो गयी। अब उनकी पीठ की तरफ में सो रहा था, तभी मैने देखा कि मम्मी बहुत गहरी नींद मे है।

फिर में कुछ देर रुका और फिर से मैने उनकी टाँगो को हल्का हल्का होंठ के बिल्कुल हल्के होठ से चूमना शुरू कर दिया लेकिन उनकी नींद फिर से टूट गयी। अब इससे पहले की मम्मी कुछ हरकत करती मैने अपनी पोज़िशन नींद की बना ली और तभी मम्मी उठी और उन्होने कंबल उठाया और ध्यान से बिस्तर को देखने लगी। फिर उन्होने अपनी नज़र मेरे ऊपर डाली में सोने का नाटक कर रहा था। फिर उन्होने मुझे सोता हुआ देख फिर से कंबल डाला और सो गयी उसके बाद मेरी हिम्मत नहीं हुई कि में दुबारा से ये हरकत करूं।

तभी मुझे लगा कि अगर कमली मम्मी को मालूम हुआ कि मेरी नियत खराब है तो वो मुझे मारेगी और मेरी शिकायत कर देगी और में अपने प्लान पर फैल हो जाऊंगा। फिर ये सोच कर में भी सो गया। अगले दिन जब में उठा तो मैने देखा कि मम्मी किचन में ब्रेकफास्ट बना रही है। में किचन में गया मुझे देखकर वो बोली रात को कुछ ख़टमल उनकी टाँगो पर गुदगुदी कर रहे थे, तुम तो बड़ी गहरी नींद में थे, में बोला पता नहीं। अब में बड़ा प्लान सोच रहा था।

अब में शाम का वेट करने लगा था। फिर लंबे इंतज़ार के बाद शाम हुई, अब मम्मी रात के खाने की तैयारी कर रही थी। तभी कुछ देर बाद जब खाना बना तो हम दोनों ने एक साथ बैठकर खाना खाया और फिर मम्मी ने अब दूध भी पी लिया था, जिसमे नींद की दो गोलियां थी कुल मिलाकर मम्मी नींद की दो गोलियां ले चुकी थी। अब उन्हें कुछ पलो में उन्हें बहुत गहरी नींद आने लगी और वो बेड पर कंबल डालकर सो गयी में कुछ देर तक टीवी देखता रहा और कमली मम्मी का पूरी तरह नींद मे जाने का वेट कर रहा था।

थोड़ी देर बाद मैने कमली मम्मी की नींद को चेक करने के लिए मैने उनसे कहा कि मुझे बहुत डर लग रहा है, लेकिन उनका कोई रिप्लाइ नहीं था। फिर मैने कमली मम्मी को ज़ोर से हिलाया और अपनी बात फिर से कही लेकिन कमली मम्मी बिल्कुल पत्थर हो चुकी थी। अब में समझ गया था की मम्मी बिल्कुल गहरी नींद मे सो गयी है। फिर मैने थोड़ी सी हिम्मत करके में उनकी नाईटी को धीरे धीरे ऊपर करने लगा और फिर मैने मम्मी की नाईटी को उनके घुटनो तक ऊपर कर दिया और फिर उनके टाँगो की उंगलियो से लेकर उनके घुटनो तक की टाँगो को हल्का हल्का चूमा, अब मेरी बॉडी ठंडी हो रही थी, मेरे हाथ बिल्कुल ठंडे चुके थे, मुझे बहुत ज़्यादा अच्छा लग रहा था।

फिर में उनकी भारी हुई मोटी हेल्थी पिंडलियो को चूम रहा था। अब मेरी हिम्मत और ज़्यादा बढ़ गयी मैने कमली मम्मी की नाईटी को धीरे धीरे और ऊपर कर दिया बिल्कुल उनके गले तक कर दी। अब में उनकी ब्लेक कलर की ब्रा को और ब्लेक पेंटी को देख रहा था और तभी मेरी नज़र उनकी मोटी मोटी फैली हुई बड़ी बड़ी जांघों पर पड़ी। मैने कमली मम्मी की मोटी मोटी गोरी जांघों पर हाथ फिराया और फिर अपने मुहं को उनकी जांघों पर ले गया और फिर उनकी फैली हुई मोटी मोटी गोरी जाँघो को चूमने लगा। इससे मेरी हार्ट बीट बढ़ गयी और मेरी बॉडी बिल्कुल ठंडी हो गयी।

क्योंकि में उनकी मोटी मोटी जांघो की नरम सतह को अपने होंठो पर महसूस कर रहा था और उनकी जांघो की नमीं सी स्मेल अपनी नाक मे स्मेल कर रहा था और फिर एक घंटे तक कमली मम्मी की टाँगो को और मोटी मोटी जांघों को रग़ड़ रग़ड़ कर चूमता रहा। कभी में कमली मम्मी की टाँगो को घुटनो से मोड़ देता जिससे उनकी पिंडलियां और मोटी हो जाती और में उनकी पिंडलियों को पागलों की तरह रग़ड़ रग़ड़ कर चूमता और फिर उनकी मोटी मोटी जांघो पर जाता और उन्हे भी चूमता क्योंकि घुटनो से टाँगो को मोड़ने से जांघ भी थोड़ी और मोटी हो जाती और कभी में कमली मम्मी की एक टाँग को दूसरी बेंड हुई टाँग पर रख देता और फिर उनके ऊपर रखी हुई टांगो को रग़ड़ रग़ड़ कर चूमता मेरे उनकी टाँगो और जांघो को चूमते वक़्त मेरे मुहं से पुच पुच की आवाज़ भी आ रही थी।

फिर अपने होंठो से और हाथो से सहलाने के बाद मैने उनकी पेंटी उतार दी और उनकी चूत को अपने मुहं में डालकर चूसने लगा और फिर मैने अपना लंड जो बहुत ज़्यादा टाईट हो चुका था। मैने उनकी चूत में अपने लंड को डाला और जोर जोर से धक्के देकर ऊपर नीचे हिलाने लगा। अब मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर और ऊपर मेरे मुहं में उनके बूब्स थे जिन्हे में जोर जोर चूस रहा था। फिर बहुत देर तक ये सब करने के बाद मैने अपनी स्पीड एकदम से बड़ा दी क्योंकि में अब झड़ने लगा था और फिर मैने अपना वीर्य जोर जोर के गहरे धक्को के साथ उनकी चूत मे छोड़ दिया था।

ये मैने पहली बार किया और अपनी वर्जिनिटी खो दी। अब मेरी अग्नि शांत हो चुकी थी और तभी मैने फिर से सब कुछ पहले जैसी कंडीशन में कर दिया। जिससे कमली मम्मी को उठने के बाद सब कुछ पहले जैसा लगे और उन्हें बिल्कुल भी कुछ अजीब सा ना लगे और इससे मेरी चिंता भी दूर हो गई।

अब ठीक वैसा ही हुआ, कमली मम्मी को कुछ भी शक नहीं हुआ लेकिन वो बहुत देरी से उठी थी लगभग दोपहर के वक़्त पर उनका दिमाग नॉर्मल था। जैसा कि पहले अब मेरी हिम्मत बहुत ज़्यादा बड़ चुकी थी। अब में हर रात को दूध मे नींद की गोलियां मिलाता और फिर कमली मम्मी बेड पर बिल्कुल बेहोश हो जाती और में कमली मम्मी की भरी हुई गोल मोटी लंबी पिंडलियो को और उनकी फैली हुई भारी बड़ी मोटी मोटी जांघों को रग़ड़ रग़ड़ कर ज़ोर ज़ोर से चूमता कभी उनकी टाँगो के नीचे छूकर उनकी टाँगो को ऊपर करके उनकी मोटी मोटी जाँघो को अपने मुहं पर रखता, तो कभी कमली मम्मी को खुद पर लिटा कर अपनी नाक और होठो को उनकी मोटी मोटी जाँघो मे दबा कर ज़ोर से रगड़ते हुए नीचे सरकाता और फिर धीरे धीरे रग़ड़ते हुए ऊपर आता, फिर कमली मम्मी के बूब्स चूसता और फिर मौका देखकर उनकी चूत तक पंहुच कर चूत चाटता और फिर में हर रात अपना लंड उनकी चूत मे डालकर उन्हें जोर जोर के धक्को के साथ चोदता।

ये काम कितने महीने तक ऐसे ही चलता रहा । आज भी मैं कमली मम्मी को बहुत मिस करता हूँ। याद है तो वो रातें जिन्हे में कभी नहीं भूल सकता जो सिर्फ़ मुझे याद है और उन्हे में आज भी महसूस करता हूँ। तो दोस्तों ये थी मेरी और मेरी सेक्सी और गरम मम्मी की कहानी

~~~ समाप्त ~~~

दोस्तो, कैसे लगी ये कहानी आपको ,

कहानी पड़ने के बाद अपना विचार ज़रुरू दीजिएगा ...

आपके जवाब के इंतेज़ार में ...

आपका अपना

रविराम69 (c) "लॅंडधारी" (मस्तराम - मुसाफिर)
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Written by: raviram69

Story Tags: घुटनो से नीचे, हिप्स, एक ग्लास दूध, मम्मी की टाँगों के, मेरा मुहं मम्मी की, मम्मी ने अपनी करवट

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