Category: NonConsent/Reluctance Stories

Sunday Sex Desi

by kaama69©

अमीना के शोल्डर कट बाल गीले थे । अभी अभी नहा कर निकली थी । मैं बिस्तर पर ही इतवार की सुबह की चाय पी रहा था । कल रात तिवारी के साथ गांजा पी के घर देर से लौटा था और सो गया था। ठरक उतारने का मौका नहीं मिला। अमीना की ताज़ी नहाईं चमड़ी को देख कर नीयत खराब हो गयी।

वो अलमारी में कुछ ढूंढ रही थी । बालों से उसकी पीठ पर पानी की बूँदें सरक कर ब्लाउज को गीला कर रही थीं । पेटीकोट ब्लाउज दोनों हलके जामुनी रंग के थे और ब्लाउज पीछे से काफी डीप कट था । पेटीकोट के पतले कपडे के अंदर से उसकी पैंटी की लाइन साफ़ दिख रही थी ।

हमारे निकाह को पांच बरस हो चुके हैं और मैंने उसे सेक्स की खूब बढ़िया ट्रेनिंग दी है। सुहाग रात पर ही क्लियर कर दिया था की बिस्तर पर बॉस मैं हुँ और वो मेरी ग़ुलाम। हमारी उम्र में दस साल का अंतर है। निकाह हुआ तब वह 18 साल की थी और मैं 28 का। कॉलेज और दफ्तर में मैंने
जितनी लडकियां सेट की थी … सब चुदी हुई थीं। अलीगढ का मुस्लिम लड़का दिल्ली की पंजाबनों की गोरी चमड़ी नोच नोच के हवसी कुत्ता बन चूका था। कॉलेज की पंजाबी लड़किया पहले न न करती थी और फिर घोडी बन कर चुदवाती थी - जितना ज़ोर से धक्का लगाओ उतना अच्छा।

जब अपनी कुंवारी कमसिन बीवी को शादी के जोड़े में देखा तो खूंखार कुत्ता बन गया था मैं। नोच खरोंच कर बुरी तरह पेला था सारी रात। ताज़ा गोश्त का ज़ायका आज तक नहीं भूला। टाइट चूत और गुलाबी छोटे छोटे चूचे पहली बार करीब से देखे थे। उसका रंग थोड़ा सांवला है। लेकिन छूओ तो मक्खन ! चबा कर खाने का मज़ा जन्नत जैसा। सोच कर ही लौड़ा करवट लेने लगा है । बीवी के 32 इंच के मम्मों को मसल कर और चूस चूस के भर दिया है मैंने 5 साल में। गांड की गोलाई को मार मार के डबल कर दिया है ।

भीगे ब्लाउज के नीचे ब्रा नहीं पहनी है उसने और पीठ के बीच वाली लाइन से बालों का पानी पेटीकोट तक टपक रहा है। उफ्फ!!! पेटीकोट पर पीछे की तरफ गांड के बीचो बीच कपडा गीला हो रहा है।

अमीना को सख्त हिदायत है कि झांटो के बाल हमेशा साफ़ होने चाहिए। ।और अगर कभी न हुए तो उसकी गांड मारी जायेगी तेल के साथ। दो बार गलती करके अब सीख गयी है । रिस्ते हुए तेल के साथ मेरे लोड़े का उसकी टाइट गांड मे घुसना उफ्फ् .... मेरा हाथ चादर के अंदर ही सुपाड़े को मलने लगा । अमीना मेरे मोटे लंड से वाकिफ है। उसकी चूत का स्किन खिंच के फैल जाता है और सिसकी निकलने लगती है।

चाय का कप साइड मे रख कर मैं बिस्तर से उठा और अपनी शॉर्ट्स उतार कर उसके पीछे जा के खड़ा हो गया। मेरा लौड़ा उसकी पीठ पे रगड़ने लगा । ट्रेनिंग ऐसी गज़ब दी है कि 'न ' करने की तो अमीना की हिम्मत नहीं है।

"सुनिए नीचे भाभी जान नीचे चौके में मेरा इंतज़ार …"

मैंने उसे कंधे से पकड़ कर अपनी तरफ पलटाया और उसके गीले बाल एक हाथ से जकड लिए। दांत से उसकी गर्दन पे काटा और अमीना का बदन अकड़ सा गया। उस से साबुन और शैम्पू की महक आ रही थी । उसके ब्रश किये हुए रसीले मुँह को दाँतो के बीच लिया और दिल भर के चूसा। उसका हाथ मेरे तने हुए लंड पे था और वो उसको हल्का हल्का दबा रही थी। पिछले पांच बरस में अमीना को भी सेक्स की लत लग चुकी थी। जब तलक नयी थी, घबराती थी पर अब फटाफट गरमा जाती है। उसके हाथ की नरमी और गर्मी दोनों मेरे जिस्म में करंट दे रही थीं।

उसने ब्रा नहीं पहनी थी और ब्लाउज के नीचे उसके भरे भरे मम्मे क्या नरम और गूदेदार महसूस हो रहे थे । अमीना की हिम्मत नहीं हुई है कि सेक्स के वक़्त वो कुछ मना करे। दो एक बार शराब के नशे में जम कर पिटाई कर चूका था इस वजह से जल्दी सीख गयी थी।

मैंने दोनों हाथ से उसका ब्लाउज खींचा तो बटन टूट कर गिरे और उसके मम्मे बाहर निकल आये । मैंने उसके होंठ चूसते हुए ब्लाउज की बाजू भी खींच के फाड़ दी । उसकी आँखें या तो घबराहट से और या तो एक्साइटमेंट मे पूरी खुल गयीं। मैंने उसको वापिस पलटाया ताकि उसकी गांड मेरे सुपाड़े पे रगड़े और गीली पेटीकोट के ऊपर चूतड़ पे हाथ फेरने लगा। दोनों हाथ से ज़ोर लगा के पेटीकोट भी फाड़ दिया। नाड़ा बंधा रहा लेकिन फटे हुए भाग के बीच से सफ़ेद रंग की पैंटी दिख रही थी। उसके भरे हुए चूतड़ को ढके हुई पैंटी के अंदर मैंने अपना लौड़ा डाला और चूतड़ के बीच मलने लगा । हाथ आगे कर उसके मम्मे नोचने लगा। उसके निप्पल सख्त और नुकीले हो गए तो उनको बेरहमी से खींचने का मज़ा लेने लगा। अमीना की सिसकियाँ निकल रही थी।


उसका बदन अकड़ गया और उसने मुट्ठी बंद कर लीं। उसको बालों से पकड़ के नीचे ज़मीन पे बिठा दिया और अपना तन हुआ मोटा लंड उसके मुँह मे घुसाया । चूसना कैसे चाहिए उसे बखूबी सिखाया है। वो आँखें मूंदे हुए पूरा मुँह खोल के चाटने लगी। उसकी जुबान से थूक ने लोडे को चिकना कर दिया और मैं तेज़ी से लौड़ा अंदर बाहर कर रहा हूँ । उसके मम्मे उछल उछल कर मेरे टांगो से टकरा रहे हैं। सुपाड़ा गले के पीछे टकरा तो उसकी आँखों मे आंसू आ रहे हैं।

उसके मुँह से लार निकल रही थी और दम घुटने जैसी आवाज़ें आने लगी लेकिन मैं पेलता रहा। वो कोशिश कर के नाक से सांस ले रही है - उसकी नासें फूल रही हैं। बायां हाथ उसके गीले बाल जकड़े है .... दांया हाथ से उसकी नाक पकड़ ली और सांस रोक लिया। वो छटपटाने लगी है और अपने हाथों से मुझे दूर कर रही है। साली ! मैंने उसका सर पकड़ कर अपनी जाँघों के बीच दबा दिया। उसके होंठ मेरे टट्टों को चिपक रहे हैं .... ओह आअह आ आ ....... सांस न ले पाने की वजह से अमीना ने छटपटा के अपने नाख़ून मेरे बाज़ू में गाड़ दिए।

उसको झटके से अलग कर दिया और वो अलमारी के सामने गिर पड़ी … ज़ोर ज़ोर सांस लेती हुई अपनी चूत सहला रही है। उसको अपनी ठुकाई करवाना अच्छा लगता है।

मैं खड़ा रहा, लौड़ा मसलते हुए और जाँघों के बीच उसको फसाए हुए। उसने आँखें नीची कर ली। बगल में हाथ दे के उसे खड़ा किया और चेहरा हाथ से पकड़ के डराया - ''सुबह से अभी मैं मूता भी नहीं और तू सामने आ गयी तो मूड बन गया। बाथरूम में चल न … पहले मूतूंगा तेरी गांड पे फिर बजाऊंगा तेरी चूत '' ।

''प्लीज नहीं, मुझे फिर से नहाना पड़ेगा '' वो गिड़गिड़ाने लगी। '' यहीं कर लीजिये न - बाकी रात को कर लेना , प्लीज''

'' सोच ले! पछताएगी '' मैंने उसके बाल खींचते हुए कहा

'' प्लीज '' वो बोली - '' अभी मज़ा खराब मत करो … ऐसे ही कर लो न ''

मैंने ऊँगली के इशारे से उसे घूम के घोड़ी बनने को बोला और एक अच्छी बीवी के माफ़िक़ उसने वही किया।

फटे हुए पेटीकोट को ऊपर कर के मैंने गोल बटक्स पे ज़ोर के थप्पड़ रसीद किया। उसने सिसकी दबा ली। आहिस्ता से बोली '' रेडियो लगा लीजिये, भाभी जान मुझे पूछने ऊपर आ जाएँगी'' मैंने रेडियो ऊंची आवाज़ मे ओन कर दिया और दरवाज़े पे टंगी पैंट से बेल्ट निकल ली। अमीना का मुँह मेरी तरफ नहीं था। उसकी गांड फटे हुए पेटीकोट से झाँक रही थी। उस पर मेरी उँगलियों के निशाँ बने थे।

पतली नायलॉन की सफ़ेद पैंटी को भी मैंने ताक़त लगा के फाड़ दिया ताकि उसके चूतड़ की नरम चमड़ी निचोड़ सकूँ।

बेल्ट को हाथ मे लपेटा और सटाक से चूत के बीचो बीच वार किया। अमीना बिलख पड़ी और उठ के बैठने लगी। बाल पकड़ के उसको फिर से घोड़ी बनाया और नीचे लटके मम्मों को पूरी ताक़त से मरोडा।

उसकी चीखों से मेरा लौड़ा तन के सलामी दे रहा है। साली दोगली हो गयी है। आँखों में आंसू और चूत से पानी छोड़ रही है। ज़ायका भी लेगी और नाटक भी करेगी। उस ने मेरी तरफ मुड़ के देखा और धीमे से मुस्कुराई …

उसकी चूत से पानी रिस कर मेरे पैर के पास टपका। बस फिर ठरक से अँधा हो कर मैं उस के चूतड़ पर कभी हाथ से मारता कभी बेल्ट से। बीच बीच में चूत पे हाथ पड़ता तो छपाक छपाक आवाज़ निकलती।

'' ओह माँ … जी बस कीजिये … आह्ह्ह … आअह्ह्ह '' चीखती हुई वो निढाल हो गयी है। लग रहा है उसने तो मज़ा ले लिया … अब मेरी बारी।

मेरी मार से उसके चूतड़ गरम हो गए। जगह जगह चमड़ी लाल है और उभर के निकल आई है। मेरा लौड़ा और सुपाड़ा दोनों टाइट हैं वसूली के लिए। उसका बम खेंच के ऊपर किया और एक ही बार में पूरा घुसा लिया टट्टों तक। अमीना की आह निकली - सुकून की, क्योंकि हवस का खेल अब उस को अच्छे से खेलना आता है।

मैं अपने चूतड़ घुमा कर उसकी बुर को लथाड़ने लगा। इस से मेरा सुपाड़ा उसकी चूत की आखिरी गहरायी को चिपक गया है। उफ्फ्फ … अंदर बहार करने के बजाये उसे रौंदता इस तरह। अमीना की ज़ोर ज़ोर मस्त आहों से मेरी ठरक और बढ़ रही है।

तभी रेडियो की आवाज़ के ऊपर दरवाज़ा खटखटाने की आवाज़ हुई। बाहर से बड़ी भाभी बोलीं '' अमीना ! कहाँ रह गयी ?'' मैंने अमीना को चुप करवाने के लिए उस का मुँह पकड़ लिआ और बोला '' भाभी जान अमीना के सर दर्द है। उलटी हो रही है - अभी बाथरूम में है। निकलते ही नीचे भेज दूंगा आप जाइये। ''

बीबी जान रहीं थी की आज़ादी मिल जायेगी बल्कि और फंस गयी। निढाल हो कर अपनी किस्मत को क़ुबूल कर लिया। आज नहीं बचेगी। मेरा लंड अभी भी पूरा धंसा हुआ था चूत में। मैंने चुदाई चालू रखी और अमीना बदहाल होने लगी। न जाने कितनी बार पानी छोड़ चुकी है साली।

उसकी मार खायी लाल गांड पे मैं सहलाने लगा। फिर अचानक वहां थप्पड़ रसीद कर दिया। हाथ से दोनों चूतड़ अलग किये और खूबसूरत नज़ारा देखा - मेरा मोटा काल लंड उसकी लाल बदहवास चूत को फाड़े जा रहा है । उसका बदन हिचकोले खाता हुआ निढाल हो रह है। उसके मुँह से सिर्फ गूं गूं की आवाज़ निकल रही है। चूत इतनी टाइट है की सुपाड़े की मालिश कर रही है।

मैंने अपना वज़न उसकी पीठ पे डाला और लटकते हुए मम्मों को कस के थप्पड़ मारा। फिर एक बार और, और , और .... उस के मम्मे दुखने लगे। उसने एक हाथ से घोड़ी बने हुए ही दुसरे हाथ से मम्मे ढक लिए।

लेकिन इस से उसकी चूत और टाइट हो गयी मेरा लंड जकड लिया। .... ओह आअह आ आ ....... मैंने उसकी गर्दन के पीछे ज़ोर से काटा … उसकी चूत कसमसाने लगी। मेरा लौड़ा उसके अंदर ही और सूज गया। उसके कान के पास जा के गुर्राया '' खुद तो मज़े ले लिए जानेमन अब मेरा हिसाब भी तो चुकता करो ''

इस के बाद पूरे ज़ोर के साथ 15 -20 धक्के और दिए और फिर गरमा गर्म लावा उसकी चूत में भर दिया। मेरे टट्टे भी अंदर घुसा देता अगर चूत और फाड़ सकता तो … उफ्फ्फ्फ़। अपना जूस निकालने के बाद भी मेरा जिस्म उसके जिस्म को चिपके धक्के लगाता रहा।

उसने छुटाने की कोशिश की लेकिन मैं जकड़े रहा।

कुछ मिनट के बाद बाहर लौड़ा बाहर निकाला और उसको खीच के बाथरूम ले गया। वहां अमीना के साबुन शैम्पू की मीठी मीठी खुशबू अभी भी फैली थी। फटे हुए ब्लाउज पेटीकोट के साथ ही शावर खोल कर के नीचे खड़ा कर दिया। पतला गीला कपडा बदन से चिपक गया। मैंने अपनी तरफ की और उसके पीटे हुए घायल चूतड़ सहलाये। फिर बिना कुछ कहे उसकी गोल गोल गांड पे मूतने लगा। शावर के ठन्डे पानी के बीच गरम गरम मूत ने उसको चौंका दया लेकिन अमीना एक अच्छी बीवी की तरह पीठ किये खड़ी रही। मेरा बेहता मूत उसकी गांड पे फिसल के जांघो पे जाता रहा।

'' हर संडे की सुबह ऐसे ही मनानी चाहिए … हैना अमीना?''

अमीना मेरी तरफ मुड़ी और मुस्कुरा कर चुप चाप हामी बाहर दी।

(Read the wife's account of Nikaah night here https://other.literotica.com/s/wife-in-training)

Written by: kaama69

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