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ममता के मजे Pt. 02

by MastramLegends©

All the characters in this story are 18 years are older.

पाठकों, इस कहानी में एक ही परिवार के लोग आपस में शारीरिक संबंध स्थापित करते हैं. यदि इस विषय से आपको आपत्ति है तो कृपया इसे न पढें.

पहले भाग में आपने पढ़ा कि ममता अपने गाँव छोड़ कर अपनी ससुराल मगतपुर आयी और सुहागरात पर उसने वैवाहिक जीवन का नया आनंद कैसे लिया.

अब आगे का किस्सा पढ़ें.

ममता सुहागरात के बिस्तर पर पूरी नंगी हो कर अपने पति अमर कि बाहो में मस्त सो रही थी. सुहागरात की रात अमर ने उससे पहले आगे से चोदा और फिर कुतिया बना के पीछे से चोदा. इस चुदाई के प्रोग्राम के दौरान ममता तीन बार झड़ी. उसकी शादीशुदा सहेलियों ने उसे बताया था कि सेक्स में बड़ा बजा है, पर इसमें इतना मज़ा होगा ये उसे आज रात पता चला.


चुदाई की थकान से नींद इतनी गहरी आयी कि सुबह के पांच बज कब गए थे पता ही नहीं चला. ममता की सास का अलार्म बजा और ममता की नींद खुल गयी. सो कर उठी तो उसने देखा कि वो ऊपर से नीचे तक पूरी कि पूरी नंगी है और बगल में अमर भी नंग धडंग लेटा हुआ है. उसे बड़ी शर्म सी आयी. वो उठी और उसने जल्दी जल्दी अपने कपडे पहने और कमरे से बाहर निकल गयी.


ममता किचेन में गए और अपनी सासु माँ के पैर छु लिए. सासु माँ ने उसे आशीर्वाद दिया. ममता चाय बनाने में अपनी सास कि मदद करने लगी. बीच बीच में रात की चुदाई की याद सी आ जाती थी और उस याद से उसकी चूत में बड़ा अजीब सा ही अहसास हो रहा था.


“मैं तेरे पापा जी के लिए चाय ले जाती हूँ, तू अमर के लिए चाय ले जा.” उसकी सास राजेश्वरी देवी ने कहा.


“जी मम्मी जी”, ममता ने जवाब दिया.


ममता चाय ले कर अपने बेडरूम में आई. अमर अभी भी बिस्तर पर नंगा हो कर मस्त सो रहा था. ममता ने अमर को हिलाया. अमर ने अपनी आँखे खोलीं तो देखा कि ममता उसके लिए चाय ले कर आई है.


ममता को देखते ही अमर रात की चुदाई याद आ गयी. ममता कि गोल और चौड़ी गांड कि याद करते ही उसका लंड झट से खड़ा हो गया.

ममता खड़े लंड को देख कर वक्त का इशारा समझ गयी. सास ससुर जगे हुए थे. मामला थोडा रिस्की था. ममता ने कमरे कि सिटकनी बंद कर दी. और अमर के ऊपर बैठ गयी. उसने अपनी साड़ी ऊपर उठा ली और अपनी जवान चूत को अमर के लंड के ऊपर भिड़ा दिया. ममता ने अपनी चूत को अमर के लंड के ऊपर रख कर आपने शरीर का वज़न जैसे ही छोड़ा अमर का पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में समा गया.


“रात में आपने मेरे ऊपर चढ़ कर जो किया न आज उसका बदला मैं निकालूंगी.” ममता फुस्गुसाते हुए बोली.
“पिलवाओ रानी पिलवाओ”, अमर बोला.


ममता को अपने बेशर्मी पर हैरानी हो रही थी. पर समय कम था. इसलिए जल्दी जल्दी अपने गुन्दाज़ चुतड अमर के लंड को अपनी चूत में पेले हुए ऊपर नीचे करने लगी.


अमर का लंड ममता कि गीली चूत में समा रहा था. जब ममता अपनी गांड उठाती, अमर का चमकता हुआ लंड उसे नज़र आता. अमर ममता के मम्मे दबा देता. उसकी गांड पर चपत रसीद देता. ममता कि चौडी गांड अमर के लंड के ऊपर नीचे हो रही थी.


अमर ने उठ कर ममता को पटक दिया और ममता के ऊपर चढ़ कर उसकी चूत में अपना लंड जल्दी जल्दी पेलने लगा.


“आह... आह.. जल्दी करो मेरे राजा मम्मी पापा जाग रहे हैं....पेलो पेलो ..”


थोड़ी ही देर का अमर का लंड फूल कर ममता की चिकनी एवं गरम चूत में पिचकारी छोड़ने लगा. ममता भी बहुत जोर से अपने चूत का पानी छोड़ने लगी.


“ये ले मेरी जान ...मेरा लंड ..इस की क्रीम अपनी चूत. में ले ..ए ...ए ....” कहते हुए अमर ममता की चूत में झड गया.


ममता भी इस चुदाई के मजे से झड गयी.


“चलो अब चाय पी लें.” ममता ने हँसते हुए बोला.


और वो दोनों अपनी शादीशुदा जिन्दगी की सुबह कि पहली चाय साथ में पीने लगे.


उधर राजेश्वारी देवी अपने पति जगमोहन के संग चाय कि चुस्कियां ले रहीं थी. घर में नया मेहमान आया है इसकी खुशी उन दोनों को थी.


अगले एक हफ्ते के अन्दर सारे मेहमान अपने घर चले गए. और घर में जीवन सामान्य दिनचर्या में चलने लगा. अमर सुबह जल्दी काम पर निकल जाता था और शाम को अँधेरा होने के बाद ही वापस आता था. पर रात में दोनों जम के जवानी के खेल खेलते थे.

कैसे कैसे लगभग एक साल गुज़र गया पता ही नहीं चला.


एक दिन दोपहर में घर का काम करने के बाद ममता को समझ नहीं आ रहा था कि शाम को खाने में क्या बनया जाए. वो सास से ये पूछने के लिए उनके कमरे कि तरफ जाने लगी. जैसे ही उसकी सास राजेश्वरी देवी का कमरा करीब आ रहा था वहां से कुछ अजीब सी आवाजें आ रहीं थीं. उसे लगा सासू माँ कोई टीवी सरियल देख रही हैं. उसने रूम का दरवाजा खोल दिया. अन्दर का नज़ारा देख कर उसके हालत फाख्ता हो गयी. उसकी सास राजेश्वरी देवी अपने घुटनों के बल हो कर पर कुतिया के पोस में बिस्तर पर थीं. पीछे से उसके ससुर उनकी चुदाई कर रहे थे. सासू माँ अपनी गोरी और मोटी गांड ऊपर उठा उठा कर लंड अपनी चूत में ले रही थीं. आह आह कि आवाजें पूरे कमरे में गूँज रहीं थीं. हर धक्के पर गांड पर पक पक की आवाज आती थी सासु मन के बड़े बड़े मम्मे हवा में झूल से जाते थे. कमरे में लाइट पूरी नहीं जल रही थी और खिड़की के परदे भी बंद थे इसलिए सारा दृश्य ममता कि साफ़ नहीं दिख रहा था. वो डर था कि अगर सास ससुर ने उसे इस समय देख लिया तो सबकी स्थिति थोडा खराब हो जायेगी. इस लिए ममता दबे पाँव उस कमरे से बाहर निकल आयी.


उसके पैरो में एक अजीब सी झुरझुरी हो रही थी. अन्दर कि चुदाई को देख कर उसे लग रहा था कि काश अमर यहाँ होता. वो लिविंग रूम में आ कर सोफे पर बैठ गयी. उसने टेबल पर से एक गृहशोभा उठाई और पढने के लिए जैसे ही पेज पलटती. उसने देखा उसके ससुर सामने के सोफे पर बैठ कर अखवार पढ़ रहे हैं. उसके मुंह से चीख निकल गयी. वो डर के मारे एकदम से खडी हो गयी. ससुर ने उसे देखा.


“क्या हुआ बहु. तुम इतना डरी डरी क्यों हो... क्या हुआ?” ससुर ने पूछा.


“पापा जी वो उधर ...उधर ...” ममता को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या बोले.
वो सासु मन के कमरे की तरफ देख रही थी. और जैसे काँप रही थी.

“आप तो मम्मी जी के साथ थे न?......” ममता हकलाते हुए बोल रही थी.

जगमोहन को समझ में आ चुका था की ममता ने उनकी पत्नी राजेश्वरी को उनके भाई सुरजमोहन के साथ रंगरेलियां मनाते देख लिया है. जगमोहन और सूरजमोहन ने शुरू से अपने बीच में कोई पर्दा नहीं रखा, जवानी में नौकरानी से ले कर कॉलेज में रत्ना तक,जब भी किसी एक को चूत मिली तो उसने दुसरे के साथ मिल बाँट कर उसे चोदा. यहाँ तक शादी कि सुहागरात तक में दोनों नयी दुल्हन के साथ रहे. और आज भी दोनों एक दुसरे के घर जा कर एक दुसरे कि पत्नियों को नियमित रूप से चोदते थे.


जगमोहन को पता था कि ममता सारा दिन घर पर रहेगी तो किसी न किसी दिन उसे पता तो चलेगा ही. इसी लिए उन्होंने योजना बना रखी थी कि ममता को थोड़े दिन में किसी प्रकार से अपनी इन गतिविधिओं में शामिल कर लेंगे. पर आज अचानक से यह स्थिति आ गयी तो उन्हें लगा कि अब वो दिन आ गया है.


उसने ममता का हाथ पकड़ लिया और पूछा,

“उस कमरे में कुछ भूत है क्या? आओ चल कर देखते हैं बेटी.”


ममता इस सब बातों से अनजान थी. पर वो नहीं चाहती थी कि उसकी सास कि उसके ससुर इस अवस्था में देखे.

“नहीं पापा जी...कुछ नहीं हैं” वो बोली.

“अरे नहीं बहूँ. डर का हमेशा सामना करना चाहिए.” कहते हुए जगमोहन अपनी बहु को लगभग खींचता हुआ कमरे के अन्दर ले गया.


राजेश्वरी देवी अपनी पीठ पर सीधा लेती हुईं थीं. उनके दोनों पैर हवा में थे. और सुरजमोहन अपना मोटा लंड उनकी चूत में अन्दर बाहर पेल रहा था. चूत गीली थी हर झटके में चपर चपर की आवाज आती थी.


मनोरमा शर्म के मारे वो सब देख नहीं पा रही थी. अगर उसके ससुर ने उसका हाथ नहीं पकड़ रखा होता तो वो वहां से भाग ही जाती. पर उसकी हैरानी उस समय दुगुनी हो गयी जब उसने अपने ससुर मुस्कराते हुए देखा.


“सूरज भाई, और जोर से पेलो अपनी भाभी को. जरा हमारी बहू भी तो देखे की हम लोग भी किसी जवान लड़के से कम नहीं हैं.”
जब जगमोहन ये बोले, तब जा कर राजेश्वरी देवी और सुरजमोहन को पता चला कि कमरे में और दो लोग हैं. दोनों ने जगमोहन की तरफ देखा और मुस्करा दिए. उनके चुदाई के काम में को भी रुकावट नहीं आयी.
ममता अब थोडा थोडा समझ गयी कि मामला थोडा पेंचीदा है. पर उसकी समझ में ये गया कि सास ससुर खुल कर जीवन का आनंद लेते हैं. ससुर ने अपने दुसरे हाथ से अपना लंड पतलून से बाहर निकाल लिया. और ममता का हाथ अपने लंड पर रख दिया.

ममता तो मानों चौंक उठी. उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या कुछ हो रहा है, पर ये सब देख कर उसकी चूत थोड़ी गीली सी हो गयी थी. उसने सोचा कि अगर वो इस कमरे से जबरदस्ती भाग गयी, तो उसके सास ससुर उसे परेशान करेंगे. उसके बारे में पता नहीं क्या कुछ अमर के कान भर के उसे घर से निकलवा दें. उसने खुद को हालात के ऊपर ही छोड़ देना उचित समझा.
वह नीचे देख रही थी. उसका हाथ उसके ससुर ने जबरदस्ती खींच कर अपने लंड पर रखा हुआ था. ममता ने अपना हाथ से धीरे धीरे ससुर के लंड को सहलाने लगी. ससुर का लंड खड़ा हो चुका था. वो ममता को लेकर बिस्तर के कोने में बैठ गया. उसकी पत्नी और उसका भाई अभी चुदाई कर रहे थे और बिस्तर हर झटके पर हिल रहा था. जगमोहन ने ममता का ब्लाउज और ब्रा उतार दिए और उसकी गोल गोल चुंचियां सहलाने लगे. ममता एक दम गरम हो चुकी थी. ससुर ने उसे नीचे बैठा दिया और अपना खड़ा लंड उसके होठों पर लगा दिया. ममता ने ससुर का इशारा समझते ही उनका लंड मुंह मने ले लिया और उसे धीरे धीरे चुभलाने लगी. ससुर जी बहु के मुखचोदन करने लगे. थोड़े देर ममता के मुंह का आनंद लेने के बाद उन्होंने ममता को राजेश्वरी देवी के बगल में लिटा दिया.

“देखो तुम्हारी सास पूरी नंगी है, इस लिए तुम्हें भी नंगा होना पड़ेगा बहूँ”, जगमोहन बोले.

ममता के रहे सहे कपडे भी दो मिनट में उतार फेंके. दोनों हाथों से उसकी टाँगे चौडी कि और ममता की चूत कि फाँकें चाटने लगे. ममता गहरी सीत्कारें भर रही थी. इसी बीच उसकी सासू माँ उसकी चुंचियां दबाने लगीं. जगमोहन अपनी जीभ से ममता कि चूत जो चोदने लगा. ममता थोड़ी ही देर में झड गयी.

जगमोहन उठ कर बैठ गया. उसने अपना लंड ममता कि चूत के मुहाने पर टिकाया और एक जहतक लगाया. आधा लंड ममता कि चूत में घुस कर जैसे अटक सा गया. ममता निहाल हो उठी. ससुर ने दुसरे ही झटके में पूरा का लंड अन्दर पेल दिया.
इसी बीच सूरजमोहन और राजेश्वरी देवी कि चुदाई जोर पकड़ गयी थी. थोड़ी ही देर में दोनों झड गए.
जगमोहन ने ममता को चोदना चालू कर दिया. सूरजमोहन और राजेश्वरी उसके अगल बगल बैठे थे. राजेश्वरी उसकी चुन्चिया चूस रहीं थीं. सुरज्मोहन ने अपना लंड ममता के मुंह में दे रहा था. ममता को बड़ा अनद आ रहा था. एक लंड उसके मुंह कि चुदाई कर रहा था और दूसरा लंड उसकी चूत नाप रहा था. ऊपर से सास उसकी चुंचियां पी रही थीं. वह अपने ऊपर हो रही इस सारी कार्यवाही को बर्दाश्त न कर सकी और झड गयी. पर ससुर का लंड तो अभी भी ताना हुआ था और वो एक जवान छोकरे की तरह उसके पेले जा रहा था.

थोड़ी देर में ससुर ने उसको पलट के कुतिया के पोस में खड़ा किया. और खुद आ गया उसके मुंह के सामने.

“लो बहु थोडा मेरा लंड चुसो. अब मेरा भाई सूरजमोहन तुम्हारी लेगा”
ममता समझ गयी थी कि आ उसकी जम के चुदाई होने वाली है. और उसने वो स्थिति का पूरा फायदा उठाना चाहती थी. उसने गपाक से ससुर का लंड अपने मुंह में ले लिया. अपनी ही चूत के रसों से सना हुआ लंड चाटना थोडा अजीब तो लगा, पर यहाँ तो सब कुछ अजीब ही हो रहा था. वो लंड चूसने में इतना तल्लीन थी कि जैसे भूल ही गयी कि एक और लंड उसकी खैर लेने के लिए मौजूद है. उसने अपनी चूत के मुहाने पर कुछ गरम और टाइट सा महसूस हुआ. उसने अपनी गांड को उठा कर जैसे सूरजमोहन के लंड को निमंत्रण दिया. सूरज ने अपना लंड पूरा का उसकी चूत में समा कर गपागप उसे चोदने में बिलकुल देर नहीं लगाई.

बड़ा ही रंगीन नज़ारा था. राजेश्वरी देवी बिस्तर पर नंगी खडी हुई थीं. उनके पति जगमोहन बिस्तर पर बैठ कर उनकी चूत चाट रहे थे. उन दोनों कि बहू ममता कुतिया के पोस में जगमोहन का लंड चूस रहीं थीं. जगमोहन के भाईसाहब सुरजमोहन पीछे से ममता कि चूत में अपना आठ इन्ची हथियार पेल पेल कर उसे जीवन का आनंद प्रदान कर रहे थे.
ममता ने महसूस किया कि उसके मुंह में ससुर जी का लंड फूल सा गया है. वह उसे और प्रेशर लगा के चूसने लगी. ससुर ममता के मुंह में झड गए. लगभग इसी समय ममता कि सास राजेश्वरी अपने पति से चटवाते हुए झड गयीं. ममता भी झड रही थी. और एक मिनट बाद ही सूरजमोहन ने अपने लंड को चूत से निकाल लिया और ममता कि गांड के ऊपर झड गए.

सारा परिवार इस चुदाई कि प्रक्रिया से थक चुका था. चारो लोग बिस्तर पर नंगे ही सो गए.

ममता के जीवन के और कई अध्याय आपके सामने मैं ले कर आऊँगा. अभी तक आपको ये कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताएं.

Written by: MastramLegends

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