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खुल्लम खुल्ला प्यार करेंगे भाग 03

by rajNsunitaluv2explore©

इस कहानी के सारे पात्र १८ वर्ष से ज्यादा आयु के हैं. यह कहानी एक काल्पनिक कहानी है. आशा है की आप को यह नयी प्रस्तुति पसंद आएगी.

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अब तक आपने पढ़ा:

कहानी के दो पात्र हैं, पराग और अनुपमा. अनुपमा और पराग मुंबई के कॉलेज में मिले, उनके दिल मिले फिर जिस्म मिले. कॉलेज के चार साल तक दोनोंका सेक्स जबरदस्त चलता रहा. उनकी शादी हो गयी और दोनोंने मालदीव में हनीमून मनाया. वहांपर सैकड़ो लोगोंके सामने सम्भोग किया. कुछ दिनों बाद चुदाई में आयी बोरियत को मिटने के लिए पराग अदलाबदली का खेल चाहता था, मगर अनु किसी दुसरे आदमी से चुदवाने के लिए राजी नहीं हुई. फिर अनु के सहायता से ही पराग के ऑफिस की एक लड़की डॉली को दोनोने मिलकर पटाया और उसके साथ थ्रीसम सेक्स का भरपूर आनंद लिया.

अब आगे:

तीसरा भाग पराग की जुबानी है.

मुझे इस बड़ी कंपनी में दो साल हो गए थे, और मेरे अच्छे काम के कारण मुझे एक बड़ी पदोन्नति (प्रमोशन) मिला. उसकी ख़ुशी मनाने के लिए मैं, अनु और डॉली तीनोंने गोवा जाकर पांच दिन की छुट्टी मानाने का प्रोग्राम बनाया। स्वाभाविक हैं की मैंने और डॉली ने एक ही समय उन तीन दिनोंकी छुट्टी के लिए अर्जी दी (दो दिन वीकेंड था). मंगलवार की रात को हम तीनो वातानुकूलित बस में बैठकर गोवा के लिए रवाना हुए. सीधा अगले सोमवार की सुबह वापसी होनी थी.

पणजी पहुँचते ही हमने थ्री स्टार होटल में चेक इन किया. हमने एक बड़ा सा आलिशान सूट लिया था. मैंने अपना बरमुडा पहना। अनु ने नीले रंग की वन पीस बिकिनी और डॉली ने फूलोंकी डिज़ाइन वाली लाल रंग की टू पीस बिकिनी पहनी थी. जैसे ही हम स्विमिंग पूल पहुंचे, सबकी नजरे हमपर टिक गयी. एक लड़के के साथ दो दो सेक्सी लड़कियोंका होना कोई साधारण बात नहीं थी. दो-तीन घंटोंतक हमारी मस्ती चलती रही. मैं कभी अनु से लिपटता तो कभी डॉली से. मालदीव की तरह यहांभी कई लड़कोंने और कुछ कपल्स ने हमसे दोस्ती करने को कोशिश की. मगर हमने किसी को घास नहीं डाली. सारे मर्द मानो आंखोंसे अनु और डॉली को नंगा कर रहे थे और चोद रहे थे.

दोपहर का भोजन कर हम तीनो कमरे में चले गए. वहां बियर और वाइन का दौर चला. हमारे सूट का बड़ा वरांडा समुन्दर की तरफ था, इसलिए उसे खुला रखकर ही हम चुदाई में लग गए. अब इतने दिनोंके कामुक और गर्मागर्म सम्भोग के बाद अनु और डॉली काफी खुल गयी थी. चुदाई के समय गांड के अंदर एक या दो ऊँगली से चोदना दोनोंको भी अच्छा लगने लगा था. वीर्यपतन होने के बाद जब मैं अगले राउंड के पहले आराम करता, तब अनु और डॉली दोनों सिक्सटी नाइन के पोज में सुख लेती और देती थी. उनका वो भरपूर सेक्स देखकर मेरा लौड़ा भी जल्दी खड़ा होकर फिर हम थ्रीसम में जुट जाते थे.

शाम को मैं पतला सा टी-शर्ट और शार्ट पहना था. अनु ने बैकलेस गाउन और डॉली ने अंगप्रदर्शन करने वाला छोटा सा फ्रॉक पहना था. रात को डिस्को में दस बजे तक नाचने और शराब के नशे मे धुत्त होने के बाद हम सूट पर पहुंचे. आज एक अमेरिकन जोड़ा हमसे काफी घुल मिल गया था. उनका सूट भी हमारे सूट से नजदीक ही था, इसलिए हम तीनो और वो दोनों साथ ही साथ चले आये थे. वो लड़का (माइकल) ३० साल की उम्र का था, मगर २२-२३ का लगता था. उसने अपने आप को बहुत फिट रक्खा था. माइकल भी मेरी तरह टी-शर्ट और शॉर्ट्स में ही था. उसकी गर्लफ्रेंड (जूलिया) ३२ साल की थी, मगर वो भी २५ साल के करीब की लगती थी. उसके चूचे मध्यम आकार के, कमर पतली, नितम्ब गोलमटोल और टाँगे मांसल थी. उसकी गोरी त्वचा, नीली आँखें और होठोंपर मीठी मुस्कान देखते ही बनती थी. उसने चोलीनुमा टॉप और मिनी स्कर्ट पहना था. उसके बार बार ऊपर होने से उसकी गुलाबी पैंटी दिखाई दे रही थी. टॉप भी काफी पतला था और उसके नुकीले स्तनाग्र आसानी से दिख रहे थे, मतलब उसने ब्रा पहनी ही नहीं थी.

माइकल और जूलिया ने अमेरिकन डॉलर में सूट लिया था, इसलिए उनका सूट काफी बड़ा था. उन्होंने हमें और बियर और वाइन पीने के लिए उनके सूट में आने के लिए बहुत आग्रह किया.

"क्या अनु, क्या बोलती हो तुम, जाना ठीक रहेगा? और डॉली डार्लिंग तुम्हारी क्या राय हैं?" मैंने पूंछा.

"बस मैं माइकल के साथ चुदाई नहीं करूंगी, उसके अलावा मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं हैं," दोनोंने एक ही स्वर में कहा.

"हाँ, उनके बाजे में लेटकर अपना थ्रीसम करते रहेंगे. उनको उनकी चुदाई करने दो. हम उनको हमारा लाइव शो दिखाएंगे, और हम उनका लाइव शो देख लेंगे," डॉली ने हँसते हुए कहा.

"ओके, चलो फिर."

और हम तीनो माइकल और जूलिया के आलिशान बड़े सूट में आ गए. मास्टर बेड बहुत बड़ा और गोल आकर में था. अब इसके बाद उनके साथ जो संवाद हुआ उसे मैं हिंदी में अनुवादित करके लिख रहा हूँ.

"आप लोग क्या पीयोगे," माइकल ने पूंछा.

"मेरे लिए बीयर और डॉली तुम वाइन पीओगी न?" अनु ने खिलखिलाते हुए कहा.

"हाँ मेरी जान, वाइन ही लूंगी," डॉली आधे नशे में बोल उठी.

"और मेरे लिए, रम सोडे के साथ," मैंने जूलिया के अधनंगे बदन को घूरते हुए कहा.

माइकल मेरे साथ रम और जूलिया वाइन लेकर हम पाँचों का पीने का दौर चला. अश्लील हास्य विनोद और किसी का भी किसी को स्पर्श करना शुरू हो गया. संगीत की ताल पे सभी कदम थिरकने लगे और माइकल बारी बारी अनु और डॉली को आलिंगन देने लगा. मैंने भी जूलिया को बाहोंमें लेनेमें और उसके खुले अंगोंको चूमने में कोई कसर नहीं छोड़ी. सबपे शराब और जवानी का नशा चढ़ा हुआ था.

अनु को दुसरे मरदोंसे चुदने के अलावा बाकी हर कोई मस्ती करने में कोई परेशानी नहीं थी, इसलिए वो दिल खोलके माइकल के साथ चूमा चाटी कर रही थी.

"क्या गज़ब की माल हो तुम हनी," कहते हुए माइकल अनु के होंठ चूसते हुए उसके गठीले वक्षोंको उसके गाउन के ऊपर से ही मसलने लगा.

"वॉव , कितना मस्त लम्बा और कड़क लौड़ा हैं तेरा," उसके शॉर्ट में हाथ डालकर उसके लंड को सहलाती हुई अनु बोली.

माइकल ने अनु के स्लीवलेस गाउन के कंधे पर का कपडा हटाया और पीछे की ज़िप खोल दी. अब वो गाउन अनु की कमर तक आ गया और काली ब्रा में अनु के सख्त और कठोर स्तन उजागर हुए. उन्हें मसलते हुए माइकल ने गाउन को अनु के शरीर पर से हटा दिया. अब अनु सिर्फ काले रंग की ब्रा और पैंटी में थी. उसकी मांसल मुलायम जाँघे देखकर माइकल उत्तेजित हुआ. डॉली ने अपना फ्रॉक खुद ही उतार दिया और वो भी माइकल को पीछे से चिपक गयी.

माइकल के दोनों तरफ खूबसूरत, सेक्सी और हॉट लड़किया थी. अनु की ब्रा का हुक खोलकर माइकल उसके स्तनोको पीने लग गया. तभी डॉली ने माइकल को धीरे से बेड की दिशा में धकेला और तीनो बिस्तर पर गिर गए. माइकल ने अनु के स्तनोंको चूसना जारी रखा. डॉली ने माइकल की अंडरवेयर निकालकर उसके लंड को चूमने और चाटने लगी. माइकल ने अनु की काली पैंटी हटा दी और उसकी दो उंगलिया अनु की योनि को चोदने लगी.

अनु की योनिसे लगातार जूस बह रहा था और आँखें मूंदकर वो एक नए पुरुष से सुख का आनंद ले रही थी. डॉली भी नंगी हो गयी और माइकल के मोटे लम्बे लिंग को चूसने लगी. माइकल ने पलट कर डॉली की चूत चाटना आरम्भ किया और अनु ने खींचकर माइकल के लौड़े को पीना शुरू किया. इस प्रकार माइकल दोनों लडकियोंको बारी बारी सुख देने लगा. पांच मिनट में गुर्राने की आवाज़ के साथ माइकल का लौड़ा वीर्य की बड़ी बड़ी पिचकारियां अनु और डॉली के चेहरे और स्तनोंपर मारता गया.

पूरा झड़ने के बाद दोनोने लौड़े को पूरा चाट कर आखरी बूँद तक पी डाली. फिर अनु और डॉली ने एक दुसरे के शरीर के ऊपर से माइकल का वीर्य चाटा। इतना सेक्सी सीन देखने के बाद माइकल का लौड़ा फिर से सख्त होने लगा.

अभी तक माइकल ने अनु या डॉली को चोदने की कोशिश नहीं की थी, इसीलिए सब ठीक चल रहा था. वैसे भी डॉली को गैरमर्द से चुदवाने में कोई पाबंदी नहीं थी, वो कोई मेरी पत्नी नहीं थी. सिर्फ अनु ही मेरे अलावा किसी अन्य आदमी से चुदने के लिए आज तक राजी नहीं हुई थी. पता नहीं आज वो अपने आप पर काबू रख पाएगी या माइकल के लौड़े से उसकी चूत का मिलान होगा.

इधर मैं और जूलिया फ्रेंच किसिंग करते हुए एक दुसरे के अंगोंको टटोल रहे थे. बेशर्म होकर मैं डॉन हाथोंसे उसके पुष्ट वक्षोंको टॉप के ऊपर से दबाने लगा. उसने भी हाथ मेरी शार्ट में डालकर मेरे सख्त लम्बे लौड़े से खेलने लगी. उसके हाथों का स्पर्श होते ही वो और भी कड़क होने लगा.

मैंने निःसंकोच होकर जूलिया का टॉप उतार दिया और उसके मम्मे चूसने लगा. उसने भी मेरी शार्ट खोल डाली और फ्रेंची खींचकर उतार दी. मेरे दोनों हाथ उसकी कमर में उसकी मिनी स्कर्ट खोलने लग गए. जैसे ही मैंने उसे नीचे के कपडोंसे मुक्त कर दिया, हम दोनो बेड की ओर चल दिए. मैंने जूलिया को बीएड पर लिटाया और उसके स्तन मुँह में लेकर जोर जोर से चूसने लगा. उसने मेरे लौड़े और गोटियोंसे खेलना जारी रखा.

"चल, अब तू मेरी चूत चाट ले. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा हैं."

"हाँ, जूलिया, ये लो मैं तुम्हारे ऊपर चढ़कर तुम्हे चाटता हूँ. तुम भी मेरे लंड को अपने मुँह में भरकर चूसती रहो."

जूलिया के बदन पर मैं सिक्सटी नाइन में चढ़कर ओरल सेक्स में लग गया. उसकी चूत का स्वाद अनु और डॉली की चूत से काफी अलग और ज्यादा स्वादिष्ट था. जैसे जैसे मैं उसकी चूत की पंखुडिया और दाना (क्लाइटोरिस) चाटते और चूसते गया, उसकी योनि से स्त्राव बहता रहा. एक एक बूँद को मैं प्यार से चाटता गया.

"क्या मस्त लौड़ा हैं तेरा यार," कहकर जूलिया मेरे लंड को अपने मुँह से बलात्कार करने लगी. एक तो इतनी गोरी और सेक्सी लड़की के साथ इतना कुछ करके ही मैं उत्तेजना की चरम सीमा पर था. उसपर जब जूलिया मेरा लौड़ा पीती गयी, तब मेरी सब्र का बाँध टूटा और एक जबरदस्त पिचकारी मारकर मेरा वीर्य उसके मुँह में झड़ने लगा. लगता हैं जूलिया को लौड़े पीने की अच्छी खासी आदात थी, इसलिए मेरा सारा वीर्य वो गटागट पीने लगी.

जूलिया के सहलाने और चूमने से कुछ ही पलोंमें मेरा लंड फिर से तन गया और मैं एक भूखे शेर की तरह जूलिया पर टूट पड़ा. उसकी चूचियोंको मसलते हुए मैंने जूलिया की जाँघे खोल दी और उसकी गुलाबी योनि को चाटने लगा.

"हाय जालिम, कितना प्यार से चाट रहे हो. फक, और चाटो. इतना अच्छा तो मेरा माइकल भी नहीं चाटता, उसे तो सिर्फ चोदने की पड़ी रहती हैं. आह, आह, यस्स, मेरे दाने को जीभ लगाते जाओ और चूसते जाओ," जूलिया मदमस्त होकर चिल्ला रही थी. उसकी आवाज़ सुनकर मेरी अनु डार्लिंग की नज़र इस तरफ पड़ी. अब तक वो माइकल और डॉली के साथ मजे लूटने में इतनी मग्न थी की उसे मैं क्या कर रहा हूँ इसका ख्याल ही नहीं था.

अनु पलट कर मेरे और जूलिया पास आ गयी. उसने जूलिया के बिस्तर पर धकेला और उसके स्तनोंको मुँह में भरकर चूसने लगी. मेरा जूलिया की चूत चाटना और तीन उंगलियोंसे चूत को चोदने का कार्यक्रम चला. उसकी चूत काफी टाइट थी और उसमेंसे निकलते हुए जूस से भरी मेरी उंगलिया मैं , अनु और जूलिया तीनो चाटते रहे.

कुछ समय बाद, जूलिया ने अनु की चूत चाटी और मैं अनु के मुँह को चोदता गया. जैसे ही मैंने मेरा पानी अनु के स्तनोंपर गिराया, जूलिया ने उसे चाटकर निगल लिया.

दूसरी तरफ माइकल और डॉली फिर सिक्सटी नाइन की पोज में आकर जीवन के सर्वोच्च सुख का आदान प्रदान करने लगे. फिर जब माइकल ने डॉली को सम्भोग के आखरी चरण पर ले जाना चाहा, तब डॉली बोली, " तुम कंडोम लगाओ और फिर हम चुदाइ करेंगे."

अब माइकल और जूलिया आपस में कंडोम के बिना ही सेक्स करते थे, इसलिए उनके पास एक भी कंडोम नहीं था. उस कारण उधर माइकल और डॉली और इस तरफ मैं, अनु और जूलिया फिर से ओरल सेक्स में जारी रहे और वीर्यपान करके तीनो लड़कियां तृप्त हो गयी.

मैं मन ही मन सोच रहा था की इतना सब कुछ होने के बाद तो अनु का मन बदल जाएगा और वो माइकल से चुद जायेगी. उससे मेरा जूलिया को चोदने का रास्ता साफ़ हो जाता. मगर अभी भी किस्मत मेरा साथ नहीं दे रही थी.

करीब दो घंटे के बाद और बहुत सारा ओरल सेक्स करके हम तीनो अपने सूट पर वापस आ गए. फिर साथ में नहाकर फ्रेश हो गए. अब थ्रीसम का एपिसोड लगभग एक घंटे तक चला. आखिरी में अनु की चूत में तीसरी बार पानी छोड़कर मैं दोनों सेक्सी लड़कियों के बीच सो गया.

अगले दिन सुबह सुबह माइकल ३६ कंडोम का बड़ा बॉक्स लेकर आ गया. उसी पल माइकल और डॉली का जोरदार सम्भोग हुआ. अभी भी अनु मेरे अलावा किसी और से चुदने से मना कर रही थी, इसलिए मैं, अनु और जूलिया फिर एक बार ओरल सेक्स थ्रीसम कर के तृप्त हो गए.

अगले पूरे दिन, माइकल और डॉली उस आलिशान सूट में रहे और माइकल ने डॉली को कम से कम दस बार अलग अलग तरीके से चोदा . मैं, अनु और जूलिया हमारे सूट में रहे. क्योंकि अनु माइकल से चुदवाने के लिए राजी नहीं थी, इसलिए उसका सम्मान करते हुए पूरा दिन हम तीनो थ्रीसम का मजा लेते गए, मगर मैंने एक बार भी जूलिया को यनि में अपना हथियार नहीं घुसाया. रात को थ्रीसम के दो राउंड हुए, दोनों बार मैंने अपना वीर्य जूलिया के स्तनोंपर उंडेल दिया, जिसे अनु प्यार से चाट गयी. कुछ कुछ जूलिया के साथ भी बांटा. दोनों नंगी सेक्सी लड़कियोंके बीच मैं एक महाराज की तरह गहरी नींद में सोया हुआ था.

आधी रात को मेरे लंड पर कुछ गीला गीला महसूस होने लगा, साथ ही लौड़ा फन निकालकर खड़ा हो रहा हैं ऐसा भी लगा. जब गोटियोंको भी गीलेपन का स्पर्श हुआ तब मेरी आँख खुली. अँधेरे में आँखे मुश्किल से खुली, तो देखा जूलिया ही मेरे लौडे और गोटियोंको चाट रही थी. मेरे मुँह से कुछ आवाज़ निकले इसके पहले उसने अपनी उंगली मेरे होठोंपर रख दी. मैं इशारा समझ गया और आँखे मूंदकर आहे भरने लगा. जैसे ही मेरा लौड़ा पूरा सख्त हुआ, उसने मुझे उठाया और बाथरूम की तरफ ले गयी.

अंदर जाते ही हम फिर से गले मिले और उसने मेरा एक प्रदीर्घ चुम्बन लिया. फिर सिंक के नीचे के ड्रावर से पांच कंडोम का पैकेट बाहर निकाला और मेरी तरफ देखके मुस्कुरा दी.

"माइकल के ख़रीदे हुए कंडोम बॉक्स में से ये एक पत्ता लायी हूँ डार्लिंग. मुझे पता है की तुम इसके बगैर सेक्स नहीं करोगे," जूलिया ने शरारती अंदाज़ में कहा.

"हाँ जूलिया डार्लिंग, मैं डॉली के साथ सम्भोग करू या तुम्हारे साथ, एक ही तो बात हैं. अनु को अच्छा नहीं लगेगा मगर मैं तो तुम्हें चोदे बगैर नहीं रूकूंगा," इतना कहकर मैंने उसे घोड़ी बनकर सिंक के सहारे झुकाया। फिर जूलिया के स्तन मसलने लगा. तुरंत मेरा लंड और भी सख्त होने लगा और समय न गवाते हुए, मैंने कंडोम पहन लिया. एक ही झटके में मेरा हथियार जूलिया की चूत में प्रवेश कर गया. उसकी योनि पहले से ही इतनी ज्यादा गीली थी की किसी भी फोरप्ले की आवश्यकता नहीं थी.

ज्यादा आवाज़ हुई तो अनु की नींद खुलने का डर था. मुझे पता नहीं था, की मुझे जूलिया को बाथरूम में चुपके से चोदते हुए देखकर अनु की प्रतिक्रिया क्या होगी. इसीलिए बिना कोई शब्द कहे हम डॉगी स्टाइल में सेक्स करते रहे. जूलिया की चूत से कुछ ही समय में फव्वारा निकला. उसका ओर्गास्म देखकर मैं और भी उत्तेजित होकर उसे चोदता गया. जूलिया भी बड़ी मुश्किल से अपनी आवाज़ पर काबू किये थी. जूलिया को लगातार दो और ओर्गास्म आये और वो मानो स्वर्ग की सैर कर रही थी.

जूलिया के नितम्बोँको मसलते हुए दस पंद्रह मिनट तक चोदने के बाद मुझे लगा की अब फव्वारा छोड़ने की मेरी बारी हैं. मैंने लौड़ा बाहर निकाला और उसे मेरी तरफ घुमाया. कंडोम को हटाकर फेंक दिया और चूसवाने के लिए लौड़े को तैयार किया.

जूलिया अपने घूटनोंपर बैठकर मेरे लंड को चूसने लगी.

"ओह यस, फक, ऐसे ही चूसती रहो जूलिया डार्लिंग," मैं दबी हुई आवाज़ में बोला.

मेरी आँखों में आँखें डालकर जूलिया जोर जोर से चूसती गयी और मेरा पानी निकल गया. वीर्य की पिचकारी सीधे उसके गले में गयी. तीन चार बड़ी पिचकारियां मारने के बाद लंड का पानी छोड़ना बंद हुआ. जूलिया ने मेरे लौड़े के ऊपर से एक एक बूँद को चाटकर निगल लिया और मुझे देखकर मुस्कुराती रही.

बैडरूम में दबे पाँव दोनों वापस आये और पंद्रह मिनट तक एक दुसरे की बाहोंमें लेटकर आलिंगन चुंबन का सुख लिया. फिर से लंड महाराज खड़े हो गए, क्योंकि इतनी हॉट और सेक्सी अमेरिकन लड़की को चोदने का मौका बार बार नहीं मिलने वाला था. फिर से बाथरूम में जाकर चुसाई और ठुकाई हुई.

सुबह पांच बजे तीसरी और आखरी बार जूलिया को चोदने के बाद हम एकदम गहरी निद्रा में सो गए. निकलने से पहले मैंने हमारा फ़ोन नंबर और पता जूलिया और माइकल को दिया.

"जब कभी भारत आओ, तब फ़ोन कर देना. हम तुरंत आप लोगोंसे मिलने आ जाएंगे," मैं, अनु और डॉली ने एक स्वर में कहा.

गोवा से लौटने के एक हफ्ते बाद, जब में ऑफिस के काम में मग्न था, तब रिसेप्शन से डॉली का फ़ोन आया. जैसे ही मैंने फ़ोन उठाया, उसने कहा, "पराग, तुम्हारे लिए कोई एक पार्सल छोड़ गया हैं."

मैंने वहां पहुँच कर वो पार्सल ले लिया और अपने डेस्क पर आया.

"अरे यार, किसने मुझे पार्सल भेजा होगा यार, और वो भी ऑफिस के पते पर?" अपने आप से बात करते हुए मैंने पार्सल खोला.

अंदर की चीज़ देखकर मेरे पैरों तले की जमीन खिसक गयी. उसमें मेरे, अनु और डॉली के सेक्स करने के फोटोज थे. और तो और गोवा में माइकल और जूलिया के साथ जो भी अलग अलग प्रकार से सेक्स किया था, उसके भी फोटो थे. साथ में एक मोबाइल फ़ोन था. उसको खोलके देखा तो उसमें हमारी चुदाई के वीडियो भी थे. सीधी सी बात थी की कोई हमें ब्लैकमेल कर रहा था.

लिफ़ाफ़े में एक और कागज़ था, जिस पर पर लिखा था, इसी मोबाइल पर फ़ोन आएगा, जो बताएगा की आगे क्या करना हैं. फ़ोन का इंतज़ार करना.

अब इस के बाद क्या हुआ ये अगले भाग में...

Written by: rajNsunitaluv2explore

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