Category: Erotic Poetry Submissions

हनीमून के दिन

by mpsaab©

हनीमून के दिन तो भइया
बहुत-बहुत शरमाए चूत
साजन जब चूची सहलाए
नीचे से हँस जाए चूत
पतला लंड हो या हो मोटा
उतना ही खुल जावे चूत
एक बार मे जो घुस जावे
वो है खेली-खाइ चूत
जौर लगाकर घुस ना पावे
समझो वो हे असली चूत
शीघ्रपतन हो साजन गर तो
फिर प्यासी रह जाए चूत
अनुभवी लंड के आगे तो
ठुमका बहुत लगावे चूत

Written by: mpsaab

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