सफ़र का मजा
by dimpii4u©
मेरा नाम राजन है और मेरी उम्र 29 साल है, मैं एक शादीशुदा आदमी हूँ | मेरी पत्नी का नाम नीलिमा है और उसकी उम्र 28 साल है | मै एक सर्कारि नौकर हूँ और मैं दूसरी स्टेट में नौकरी करता हु | एक शहर से दुसरे शहर काफी आता जाता रहता हु | मै अधिकतर रात मे सफ़र करता हु, ताकि मेरा दिन बच जाये | अभी कुछ ही महीने पहले की बात है, कि मै अपने पत्नी के साथ शहर से दुसरे शहर मे जा रहा था और मैने रात वाली बस ली थी | हमारे सीट के सामने वाली सीट खाली थी और उसपर कोई नहीं बैठा था | बस मे, कोई ज्यदा सवारिया भी नहीं थी; केवल कुछ ही लोग थे और सब के सब सो रहे थे | मुझे देर से सोने के आदत थी, नीलिमा सो चुकी थी, मै जाग रहा था और बोर हो रहा था | पहले स्टॉप से कुछ सवारिया चढ़ी जिसमे एक परिवार था | उसमे एक पति-पत्नी, एक बुढा आदमी, एक बुढ़िया, और दो लडकें | मेरी नजर जल्द ही उस औरत पर पड़ी जो काफी सेक्सी और गदरायी बदन की थी | उस औरत की उम्र 45 होगी, सब मेरे सामने वाले सिट पर जाकर बैठ गए | मुझे लगा, चलो सफ़र अच्छा कट जायेगा | उन्हें देख कर मेरी पत्नी जग गई, एक प्यारी से मुस्कराहट के साथ उस औरत ने नीलिमा से बातचीत शुरू की और आपस मे एक दुसरे को जाना | उनकी नाम कामिनी है | व अपने सास-ससुर, पति और बच्चों के साथ मायके गए हुए थे | उनके दो बच्चे है एक बेटा और एक बेटी, बेटा 18 साल का और बेटी 12 साल की, दोनों स्कूल जाते है |उनको देखके लगा, सीधी सादी सभ्य महिला, उनका सरीर बहुत सेक्सी लग रहा था और ब्लाउज में से झाकती उनकी मोटी मोटी चुचिया बहुत मस्त लग रही थी | मेने उसे गोर से देखा ..उनका बदन इतना सेक्सी था की में बता नहीं सकता बूब्स बड़े थे और पेट की चमड़ी मुड़ी हुई थी जिसे देख कर मेने उनकी बुर की गहराई का अंदाज लगा लिया ..मांस से भरी हुयी जांघें साडी में से दिख रही थी बो सफ़ेद ब्लाउज पहने हुए थी उसमे से दूध का आकार साफ़ दिख रहा था |
अभी व घर जा रही है उनके पति सरकारी जॉब में हैं और रस्ते में उनकी सास-ससुर और लडकें पति के साथ उतर जायेंगे | सो उस महिला को अकेली ही सहर अपनी घर तक जाना पड़ेगा | लेकिन हमें पाकर उनकी चिंता कम हो गई | व मेरी पत्नी से काफी घुल-मिल गयीं, बात करते-करते काफी वक़्त निकल गया; काफी दिलचस्प मैडम थी वो | कुछ घंटे के बाद उनका जगह आ गया उनकी सास-ससुर, पति और बेटा उतर गए और पत्नी से कह गए अपना ख्याल रखना | रात काफी हो चुकी थी और मुझे नीद आने लगी थी; तो, मैने उनको सोने के लिए बोला और काफी गहरी नीद मे सो गया |
आधी रात के बाद, उन्होंने मुझे काफी जल्दी मे उठाया और बोली बस ख़राब हो गयी है | रास्ते मे बारिश के कारण, काफी पानी भर गया है और बस पानी मे चलने के कारण ख़राब हो गयी है और कल सुबह 10:00 बजे चलेगी | इतनी रात मे कोई दूसरा जाने का जरिया मिलना मुश्किल था | उन मैडम का नाम कामिनी था | कामिनी ने मुझे से पूछा, कि क्या करना चाहिए | मैने कहा, इतनी रात मे कहाँ जायेंगे; यहीं होटल ढूंढ़कर कमरा ले लेते है और सुबह इसी बस से आगे चलेंगे | कामिनी ने भी मेरे साथ हामी भर दी और मेरे साथ ही होटल ढूंढने चल दी | काफी मुश्किल एक होटल मिला और हमने वहा २ रूम मांगे | लेकिन, उनके पास एक ही रूम था; मैने कामिनी को रूम लेने के लिए बोला और खुद दूसरा होटल देखने के लिए चलने लगा | कामिनी ने बोला, एक ही रूम ले लेते है, कुछ ही घंटो की बात है मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है | उसकी हां के बाद हम तीनों ने एक ही रूम ले लिया और रूम मे चले गये | हम सब ही काफी भीग चुके थे | कामिनी बाथरूम मे चली गयी और नीलिमा ने मुझे तोलिया दे दिया | मैने अपने सारे भीगे कपडे उतार दिए और तोलिये को अपनी कमर पे लपेट लिया |
मुझे सुसु जाना था और मुझे ये ध्यान नहीं रहा, कि बाथरूम मे कामिनी भी है | मैने एक ही झटके के साथ बाथरूम ले दरवाजा खोल दिया और देखा, कामिनी एकदम नंगे toilet पर बैठी हुई थी, उसकी नंगी शारीर को देख कर मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया | क्या बड़े-बड़े स्तन थे, जब मैंने निचे देखा तो, अरे ये क्या, उसके पास तो एक लंड था | मेरा आश्चर्य का कोई ठिकाना नहीं रहा | क्या लम्बा और मोटा लंड था, मेरा लंड तो उसकी लंड का आधा होगा | लंड का लाल सुपाडा आधा बाहर था, और घने काले झांट लंड और अंडकोष के चारों और भरा हुआ था, मेरे आंख खुले के खुले रह गए | कामिनी ने भी केवल कमर पर तोलिया लपेट रखा था | मैने उसको सॉरी बोला, और बाहर निकलने लगा | उसने मुझे बोला, ठीक है और tiolet ख़त्म करके खुद बाहर आ गयी | मै सुसु करके कमरे मे आ गया | उसे देखते ही नीलिमा को हैरानी हुई पर वो कुछ नहीं बोली | शायद उसे भी कामिनी की नंगा बदन देखने में मजा आने लगा था | तो कामिनी बोली मेरे पास और कुछ नही है पहने के लिए; इसलिए मुझे ऐसे हे रहना पड़ेगा | तुम्हे कोई ऐतराज़ तो नहीं, मै ख़ुशी से मारा जा रहा था, मैने कहा नहीं | वो मुस्कुराई और उसने मेरे हाथ नीचे कर दिए और अपना तोलिया खोल दिया | अब कामिनी एकदम नंगी हमारे सामने खडी हुई थी | जब मेरी पत्नी ने उसकी निचले हिस्से को देखा तो व हैरान थी; कि ये कोंन है? इसकी तो मस्त चुचे के साथ-साथ एक बड़ा सा लंड भी था | कामिनी की लंड और बड़े-बड़े अंडकोष काले झांटों से भरा हुआ था | नीलिमा को अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हो रहा था; कामिनी की लंड मुरझा हुआ था फिर भी लंड काफी लम्बा मोटा था, लाल सुपाडा करीब आधा बाहर था | उसने मुझे उसका लंड हाथ मे पकड़ा दिया | कामिनी पुरी औरत ही थी, जैसे उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां, पतली कमर, चौड़ी उभरी नितम्ब और मोटी-मोटी चिकनी जांघें | उसकी गांड के तो क्या कहने ... एकदम मांसल उभरी गांड थे | उसने हमें बोली, मेरे पास दोनों है और मैं पुरी तरह से चोद सकती हूँ और मेरे ऊपर चढ़ बैठी | उसकी लंड मेरे लंड से टकरा रहा था और वो मैं उसकी लंड को खड़ा करने की कोशिश कर रहा था | फिर, उसने मेरे हाथ अपनी कमर पर रख दिए और बोला जैसे मै करती हु, बिलकुल वैसे ही करना | वो अपने हाथ मेरी कमर पर फिराने लगी और मै भी वैसे ही करने लगा |
कामिनी मेरे होटो पर आ गयी और उसको चूसने लगी | उसने मुझे पूछा, कभी किसी लंड वाली औरत के साथ सेक्स किया है ? मैने कहा नहीं, लेकिन करने की इच्छा है | फिर उसने अपने हाथ मेरी गांड पर चलाने शुरू किया और मेरी गांड के छेद को रगड़ना शुरू कर दिया | और फिर उसने फिर एक ऊँगली मेरी गांड के छेद मे डाल दी और और उसके अन्दर फिराने लगी, दूसरी हाथ से अपनी मुसल लंड को सहलाने लगी | मैने भी वही किया और मुझे उसकी ऊँगली अपने गांड मे लेने मे मज़ा आने लगा | उसकी लंड ने उठाना शुरू कर दिया, लेकिन अभी पूरा तनाव नहीं आया था | उसने मुझे पलग के किनारे से लगा दिया | अब मेरा आधा शरीर पलंग के ऊपर लेटा था और टाँगे जमीन से चिपकी हुई थी | उसने अपने पर्स से एक कंडोम निकला और अपनी लंड के सुपाडा को बाहर कर लंड में कंडोम चढ़ा लिया | वो पलग के किनारे पे चढ़ गयी और अपना लंड मेरी गांड मे भिड़ा दिया | तभी नीलिमा पीछे आ गई और कामिनी की लंड को पकड़ कर सहलाते हुए मेरी गांड के छेद में रगड़ने लगी | उसने डालने से पहले मेरी गांड को और अपने लंड को अपने थूक से पूरा गीला कर लिया, ताकि को दिक्कत न हो | उसके एक ही जोरदार धक्के ने मेरी गांड फाड़ दी और उसका पूरा लंड मेरी गांड मे घुस गया | मै दर्द से चिल्ला उठा, लेकिन कामिनी कुछ सुन ही नहीं रही थी | व धीरे धीरे अपनी भारी गांड उछलती हुई लंड अन्दर-बाहर करने लगी | मुझे अब मजा आने लगा था | वो तो बस कुते की तरह चड़ी हुई अपनी भारी भरकम गांड हवा में उछालती हुई मेरी गांड मारे जा रही थी | फिर कामिनी ने अपनी लंड बाहर निकल लिया, झट से नीलिमा कामिनी की लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी | थोड़ी देर लंड चूसने के बाद नीलिमा फिर से कामिनी की लंड मेरी गांड में दल दिया | नीलिमा ने फिर से कामिनी की मस्त गांड के छेद को चाटने में लग गई | कुछ समय बात मैने कुछ तेज़ झटको को महसूस किया और एक गरम-गरम पिचकारी अपनी गांड मे महसूस की |
कामिन झड चुकी और उसने कुछ देर आराम करने के बाद उठ खडी हुई और अपनी लंड से कंडोम निकल लिया | और नीलिमा की मुह मे अपना लंड घुसा दिया | फिर अपने लंड हिलाने लगी | कामिनी के स्तन बहुत मस्त थे | मैं एक हाथ से उसकी चुचे और दुसरे हाथ से नीलिमा की चुचे दबा रहा था | कामिनी और मेरी पत्नी दोनों के मुह से आह.आह,,करके आवाज़े निकल रही थी | मेरी पत्नी की मुह मे कामिनी की लंड और एक हाथ मे मेरा लंड था और कामिनी की लंड फूलकर बड़ा हो रहा था |
नीलिमा एक हाथ से अपनी झांटों से भारी बुर में ऊँगली अन्दर-बाहर कर रही थी, ये देखते ही कामिनी मुस्करा पड़ी और झट से नीलिमा की मुँह से अपनी लंड बाहर निकल कर पलंग पर आ गई और नीलिमा को झुका दिया और उसकी सारी और पेटिकोट सहित कमर तक उपर को उठा दी । नीलिमा ने पैंटी नही पहन रखी थी । तभी कामिनी ने नीलिमा की दोनो टाँगे हवा मे उँची उठा दी और उसकी साडी और पेटीकोट अपने आप कमर के चारों और सिमट गया और झाड़ियों से हरा भरा बुर कामिनी के चरने के लिए सामने खुला पड़ा था । कामिनी नीलिमा की चूत को एक टक देखती रही । क्या उभरी हुई मांसल चूत थी । चूत के होठों मे जैसे हवा भरी हुई हो, बीच की लाल रेखा स्पष्ट नज़र आ रही थी और चूत के साइड के काले लंबे बाल इधर उधर बिखरे हुए थे। कामिनी ने नीलिमा को थोडा अपनी और खींच उसके चूतड़ अपनी जाँघो पर रख लिए और सूमी के घूटने उसकी छाती से लगा दिए। अब मतवाली चूत पूरी तरह खुल के मलाई माल पुए खाने की दावत दे रही थी । कामिनी बोली - कभी मेरी भी इसी तरह बुर थी, पर अब मुझे औरोतों की बुर चोदने में जबरदस्त मजा आता है |
कामिनी ने कोई देर नही की और नीलिमा की चूत के इर्द गिर्द जीभ फिरने लगी। बीच बीच मे जीब की नोक से चूत की दरार मे एक लकीर खींच देता और मेरी पत्नी सिहर के सिसकारियाँ लेने लगती । कामिनी ने चूतड़ के दोनो तरबूज अपने हाथ मे ले लिए और जीब जड़ तक पेल उसकी चूत के अंदर के हर हिस्से को जीब से छूने लगी और अपनी लंड को आगे-पीछे करने लगी । कामिनी ने अपनी जीभ कड़ी कर के सिर आगे पीछे कर के मेरी बीवी की चूत को चोदने लगी । उसकी मज़ा दोगुना हो गया । अपने चूतर को ज़ोर-ज़ोर से उठाती हुए बोली, "और ज़ोर से, और ज़ोर से, हाई । वो अब झरने वाली थी । वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाते हुए अपनी चूत कामिनी की पूरे चहेरे पर रगड़ रही थी । कामिनी भी पूरी तेज़ी से जीभ लॅप-लपा कर नीलिमा की चूत पूरी तरह से चाट रही थी । और बीच बीच मे अपनी जीभ को उसकी चूत मे पूरी तरह अंदर डाल कर अंदर बाहर करने लगी । नीलिमा ने कामिनी की चहेरे को अपनी जांघों मे जाकड़ कर अपनी चूत को उसकी मुँह से चिपका दिया । निचे बैठी कामिनी की चौड़ी उभरी गांड देख कर मेरा लंड फिर से लोहे की रोड की तरह सख़्त हो गया था ।
कामिनी उठ कर खडी हो गई और अपने लंड को हाथ से सहलाते हुए मेरी बीवी को पलंग पर घुटनों के बल लिटा कर झुका दिया । और उसकी सारी और पेटिकोट सहित कमर तक उपर को उठा दी । नीलिमा ने पेंटी खोल रखी थी और फिर कामिनी मुस्कुरा कर पलंग से उतरी और अपने चूतर को लहराते हुए ड्रेसिंग टेबल से वस्सेलीन की शीशी उठा लाई । ढक्कन खोल कर ढेर सारा वस्सलिन अपने हाथो मे ले लिया और अपनी लंड की मालीश करने लगी । अब उसकी लंड रोशनी मे चमकने लगा । फिर कामिनी ने नीलिमा को पलंग पर पेट के बल लिटा दिया और अपने घुटनो के बल होकर उसकी चूतर हवा मे उठा दिए । देखने लायक नज़ारा था । मेरी पत्नी के गोल मटोल चूतर मेरी आँखों के सामने लहरा रहे थे । तभी कामिनी ने ढेर सारे वस्सेलीन ऊँगली में लेकर नीलिमा की गांड में दाल कर अन्दर-बाहर करने लगी |
फिर कामिनी ने नीलिमा की उभरी गांड की और झुकती हुई गांड फैलाई और पीछे हो उसकी गांड को जीभ की नोक से छेड़ने लगी । कामिनी अब उसकी गांड मे अपनी पूरी जीब डाल अंदर-बाहर करने लगी । फिर कामिनी अपनी जीभ नीलिमा की गांड से बाहर निकल कर अपनी लंड को जोर-जोर से आगे-पीछे करने लगी । बड़ा सेक्सी नज़ारा था मेरे सामने । औरत की बदन पे लंड देखने लायक था । कामिनी से अब रहा नही गया और झुक कर चूतर को मुँह मे भर कर कस कर काट लिया और उठ कर घुटने का बल बैठ गई और लंड को पकड़ कर नीलिमा की गांड के छेद पर रख दिया । नीलिमा ने थोड़ा पीछे होकर लंड को निशाने पर रखा और अपने दोनो हाथों अपने चूतर को खींच कर गांड का छेद को फैला दिया । फिर कामिनी ने उसकी चूतर को दोनो हाथों से पकड़ कर धक्का लगाया । कामिनी की 9" का लंड नीलिमा की गांड को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर दाखिल हो गया । नीलिमा फिर चीख उठी. . कामिनी ने आगे को झुक कर उसकी चूंची को पकड़ लिया और उन्हे सहलाने लगी । लंड अभी भी पूरा का पूरा नीलिमा की गांड के अंदर था । कामिनी दोबारा सीधे होकर उसकी चूतर पकड़ कर धीरे-धीरे अपनी भारी गांड हिला कर लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया । नीलिमा की गांड बहुत ही टाइट थी । मेरी बीवी और कामिनी की चोदाई देखने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और मैं भी जोश मे आ गया और अपनी लंड को मुठियाने लगा । कामिनी अब धीरे-धीरे अपनी रफ़्तार बढ़ा दी उसकी लंड अब पूरी तेज़ी से नीलिमा की गांड मे अंदर-बाहर हो रहा था । नीलिमा भी पूरी तेज़ी से कमर आगे पीछे करके कामिनी की स्त्री लंड का मज़ा ले रही थी । नीलिमा भी उंगली से चूत को चोद चोद कर अपनी मंज़िल के पास थी । कामिनी मेरी पत्नी के बदन को पूरी तरह अपनी बाहों मे समेट कर दनादन शॉट लगाने लगी । वो भी सम्हल कर ज़ोर ज़ोर से आह उहह करती हुई चूतर आगे-पीछे करके अपनी चूत मे कामिनी की लंड लेने लगी । उन दोनो की सांस फूल रही थी ।
अचानक कामिनी ने नीलिमा की गांड से अपनी लंड बाहर निकल ली और मुझे सोफे पर बैठने को कहा | कामिनी ने मेरा लंड सीधा कर दिया और मेरी पत्नी की गांड के छेद को मेरी लंड के ऊपर रख दिया और नीलिमा की गांड को जोर से धक्का मारा | एक ही बार मे, मेरा लंड नीलिमा की गांड मे था | और मैं अपना गांड उठाकर नीलिमा को चोद रहा था | उतने मे, कामिनी मेरी पत्नी के सामने आयी और बुर को अपने थूक से गीला कर दिया | मुझे समझ आ गया; के, कामिनी अब मेरी पत्नी की बुर में अपनी लंड घुसएगी | उन्होंने, अपनी मोटा सा लंड को पकड़ कर मेरे नीलिमा की झांटों से भरी बुर को फैलाया और लाल छेद पर लंड लगाया और जोर से धक्का मारा | पूरा तो नहीं, लेकिन, कुछ हद तक कामिनी की लंड नीलिमा की बुर मे घुस गया | पीछे से धक्का लगने के कारण, कामिनी की लंड और भी अन्दर घुस गया | मेरी पत्नी दर्द के मारे तड़प रही थी और चिला रही थी | पुरे कमरे फच फच की आवाज से गूंज रहा था | कामिनी अब अपनी तेज बढ़ाते हुए भारी गांड उछल रही थी और नीलिमा की बुर छोड़ी जारही थी | कमरे में कामिनी और मेरी पत्नी की पहने हुए चूड़ियों और पैरों की पायल की झंकार गूंज रही थी | अब मैं और कामिनी दोनों मेरी पत्नी की गांड और बुर में एक साथ चोदाई करने लगे | मैं निचे से नीलिमा की गांड चोद रहा था और कामिनी ऊपर से उसकी बुर में लंड अन्दर-बाहर करके चोद रही थी | कामिनी हांफने लगी और मस्ती में कराहने लगी | कुछ देर में मैं झड गया और अपना सारा गरम पानी नीलिमा की गांड मै छोड़ चूका था | लेकिन, कामिनी अभी भी बाकी थी | कामिनी गप-गप मेरी पत्नी की बुर में लंड अन्दर-बाहर कर रही थी | आख़िर कामिनी की ज्वालामुखी फूट पड़ी और व नीलिमा की स्तन से अपनी स्तन चिपका कर दो तिन बार हवा में अपनी भारी गांड उछली और नीलिमा की बुर में झड गई .. नीलिमा की भी चूत को झरने को थी और व भी चीख़्ती हुई झड गयी ।
कुछ देर बाद कामिनी मेरी पत्नी के ऊपर से उठ गई और अपनी मुरझी हुई लंड को पकड़ कर नीलिमा की बुर पर झूक गयी और दोनो हाथो से जितना फैला सकती थी उतनी उसकी बुर फैला दी । नीलिमा की बुर मे अंदर तक देखा जा सकता था । तभी कामिनी ने आधी से अधिक जीब उसकी बुर मे दे दी और जीभ अंदर की बुर के अंदर की दीवारों पर चलाने लगी । कामिनी अच्छी तरह से मारी हुई बुर से टपकती हुई वीर्य को चाटती रही । जब हम तीनों सुस्त हुए तो कामिनी उठी और तौलिये को कमर में लपेटे बाथरूम की और चल पड़ी | मैं उत्साह के साथ उधर देखा, कामिनी दरवाजा खुला ही छोड़ कर तौलिये को कर तक उठा कर अपनी भारी भरकम गांड दिखाती हुई बैठ गई और पेशाब करने लगी | कामिनी पेशाब करने के बाद थोड़ी देर अपनी लंड सहलाती रही फिर उठकर कमरे के अंदर आने लगी |
जो भी हो, वो सेक्स बहुत ही मस्त था और मुझे बड़ा मज़ा आया | हम तीनो वही सोफे पर और जमीन पर नंगे ही सो गये, कामिनी ने मेरी पत्नी की भारी गांड के दरार में अपनी लंड सटा कर उसे बाहों में भर के सो गई | उस दिन मुझे बड़ा मज़ा आया | औरसुबह को हम अपने-अपने रास्ते चल पड़े |