Category: Incest/Taboo Stories

Manorama... Six Feet Under Pt. 06

by MastramLegends©

Note: All the characters in this story are 18 years are above.

इस कहानी के सारे पात्र 18 वर्ष या 18 वर्ष से ऊपर हैं।

शमशेर सिंह ने जेब से सिगरेट का पैकेट निकाला, एक सिगरेट निकला कर होठों के बीच लगाया और जैसे जला कर पहला काश खींचा उनका फ़ोन बजा. लाइन पर दूसरी तरफ कमला थीं. वो कमला का हेल्लो भैया सुनते ही समझ गए की कुछ समस्या है.

"भैया तुम्हारे जीजा को किसी ने किसी के कतल में फंसा दिया है, पुलिस इन्हें ढूंढ रही है. तो ये तो अभी अंडरग्राउंड हैं. पर पुलिस बार बार घर में आती है और पूछताछ करती है. वो इंस्पेक्टर कुरील मुझे बड़ी गंदी नज़रों से देखता है, तुम कुछ करो प्लीज", कमला उधर से लगभग रोते हुए बोली.

"अरे परेशान मत हो कमला. मैं विधायक जी से बात करूंगा. तुम एक काम करो, कुछ दिन के लिए यहाँ आ के रहो. तुम्हारा मन भी बदल जाएगा. और हम लोग तब तक जीजाजी का कुछ कर लेंगे " शमशेर ने सुझाव दिया.

"ठीक है भाई, मैं कल सुबह की बस से पहुचती हूँ. तुम बस स्टैंड पर किसी को भेज देना"

"ठीक है बहना"

शमशेर ने फ़ोन डिसकनेक्ट कर दिया. और सिगरेट का काश लगाया. धुओं के उन्हें उनकी बहू मनोरमा का गदराया सा बदन नज़र आ रहा था. वो चोदने के लिए बड़े लालायित थे. पर बहु अभी अपने पति रवि को नाश्ता करा रही थी. आज उन्हें पंचायत के लिए सरपंच के घर भी जाना था. कुल मिला कर शमशेर को लगा की आज का दिन इसी तरह काटना पड़ेगा और चूत का स्वाद उन्हें रात में ही प्राप्त हो सकेगा,

उधर अपने कमरे में मनोरमा रवि को नाश्ता करा कर उसका लंड चूस रही थी. उसकी चूत चुदे हुए कुछ घंटे ही हुए थे पर वो फिर से चुदवाने के लिए तैयार थी, पर रवि इतना थका था की अपना लंड मनोरमा के मुंह में झाड़ कर खर्राटे मार मार के सो गया. मनोरमा ने उसे थोडा हिलाया पर वो तो जैसे बेहोशी की नींद में सो रहा था.

उस रात जब शमशेर मनोरमा के कमरे में गया तो उसने अपना लौंडा सीधा एक झटके में चूत में डाल दिया. और इतनी जोर जोर से चोदने लगा की जैसे किसी पुश्तैनी दुश्मनी का बदला ले रहा हो. होठों पर चुम्मे के बजाय जैसे काट लिया, और बहु के गले के नीचे काल निशान ही बना दिया. छोड़ने की रफ़्तार फुल स्पीड. मनोरमा उस दिन तीन बार झडी, तब जा कर शमशेर झड़ने के कगार पर आये. शमशेर अपना लौंडा निकाल कर मनोरमा के मुंह में घुसेड दिया और अपना सडका मारने लगे. बहु समझ गयी की ससुर आज कुछ ज्यादा ही गर्म है और आज उसके लौंड़े का रस अपने मुंह में ले कर पीना पड़ेगा. सो जैसे ही शमशेर के लंड का फव्वारा छूटा, मनोरमा ने उसे पूरा का पूरा अपने गले के नीचे उतार लिया.

शमशेर उठे और कमरे के बाहर निकल गए. मनोरमा अभी भी अपने बिस्तर पर नंगी पड़ी हुई थी. जिस तरह से ससुर जी ने उसकी चुदाई की थी, उसे रंच मात्र का संदेह नहीं रह गया था की ससुर जी ने आज उसे अपने दोनों देवरों के साथ रंगरेलियां मनाते हुए देखा था. उसके दिल का एक हिस्सा कहा रहा था की ये ठीक नहीं हुआ. पर दूसरा हिस्सा कह रहा था की चलो ये ठीक ही हुआ. अब सबको सब पता है. इन्हीं बातों का विचार करते करते उसे कम नींद आ गयी पता ही नहीं चला.

फुर्सत्गंज़ में जब अगले दिन का सूरज निकला तो एक नयी और खूबसूरत सुबह ले कर निकला. ठीक 9 बजे बस स्टैंड के पास शमशेर गाडी ले कर अपनी बहन कमला देवी को बस से रिसीव करने पहुँच गया. वो कमला के साथ की गयी चुदाईयां याद कर रहा था और मन ही मन मुस्करा रहा था. बस कब रुकी कमला कब निकली और और उसकी गाडी के पास आ कर खादी हो गयी पता ही चला. शीशे पर किसी के खटखटाने से शमशेर अपनी यादों की दुनिया से बाहर आया. उसने देखा कमला अपना सूटकेस ले कर बाहर खड़ी थी. वो गाडी से बाहर आया और कमला का सूटकेस लिया और गाडी के ट्रंक में रखा. कमला को गाडी में बिठा कर वो ड्राईवर की सीट पर आ कर बैठ गया.

शमशेर ने गाडी स्टार्ट की और बस स्टैंड से आगे निकल आया. बस स्टैंड से हवेली का रास्ता कुछ चालीस मिनट का था. रास्ता बड़ा की सुन्दर था. सड़क के दोनों तरफ हरे खेत थे. और दूर दूर तक प्रकृति ही प्रकृति थी.

"कमला, इतने दिनों बाद तुम्हें देख कर अच्छा लग रहा है" , शमशेर ने कहा.

"भाई, तुम बड़ा खिल गए हो. लग रहा है बहू बड़ा अच्छे से ख़याल रख रही है तुम्हारा", कमला ने बोला.

"हाँ बहना, तुम्हारे जाने के बाद हवेली में जिस चीज की कमी थी, मनोरमा बहु ने उसे पूरा कर दिया है" , शमशेर चहक कर बोला.

"अब समझ आया की तुम पिछली बार जब शहर आये थे, तो मेरे घर क्यों नहीं आये थे. जब जवान चूत उपलब्ध हो तो अधेडा किसको चाहिए", कमला ने शिकायते की.

"अरे नहीं बहना, वो अपनी जगह है और तुम अपनी जगह हो" शमशेर ने शर्म खाते हुए कहा.

"सच कहो तो तुम्हारी जगह जब मेरी बीवी ने नहीं ली, तो ये बहु मनोरमा क्या ले पाएगी", शमशेर ने कहा.

"क्या तुम सही में ऐसा मानते हो", कमला ने पूछा.

शमशेर ने उत्तर दिया, "तुम्हें अगर जरा भी शक है तो इन्हें देख लो"

शमशेर ने अपने लंड की तरफ इशारा किया जो खड़ा था. कमला ये देख कर मुस्कराने लगी. वो जानती थी की उसके भाई की चुदाई का मज़ा ही कुछ और है. इतने सालों के विवाहित जीवन में उसका पति कभी उसे वो सुख नहीं दे पाया जो भाई से उसे मिला है. उसने अपना हाथ उसके लंड पर रख दिया और पेंट के ऊपर से ही लौंडा सहलाने लगी. शमशेर ने गाडी मेंन रोड से निकाल कर साइड में पेड़ों के पीछे जा कर रोक दी. जिससे रोड पर आने जाने वाले उन्हें देख न सकें. अपना जिपर खोल के जैसे ही अपने लंड को आजाद किया, कमला ने उसे अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी.

शमशेर ने कमला की साडी और पेटीकोट ऊपर उठा लिया. कमला की मोटी मोटी जांघे और काले बालों से ढकी चूत को देख कर उसका लंड और तन गया. शमशेर ने उसका मुंह अपने लंड से हटाया और उसके होठों पर चुम्बन ले लिया. दोनों गाडी से बाहर निकले. शमशीर ने गाडी के ट्रंक से कम्बल और तकिया निकले तो कमला समझ गयी कि उसका भाई अभी भी उसका इतना दीवाना है तभी तो इतनी तैयारी से आया है.

"अब तुम जब तक यहाँ हो कमला, अपनी परेशानी भूल जाओ और जीवन के आनंद लो", समशेर बोला.

शमशेर ने कमला का ब्लाउज खोल दिया और उसके बड़े बड़े मम्मे सहलाने लगा. कमला तो जैसे शमशेर का लंड छोड़ ही नहीं रही थी.

"भाई, आजकल बहु को चोद रहे हो, इसी लिए यहाँ के बाल साफ़ रखते हो, सही है", कमला ने कटाक्ष किया.

शमशेर अपनी पैंट नीचे खिसका कर लेट गया और कमला उसके ऊपर अपनी साडी उठा कर बैठ गयी. कुछ ही पलों में शमशेर का लंड अपनी बहन कमला की चूत में सैर करने लगा. कमला शमशेर के लंड की सवारी उछल उछल कर कर रही थी. उसकी चूत शमशेर का लंड गपागप ले रही थी. उसके इस कलाप में उसके मम्में हवा में उछालते थे. दोनों को अपने जवानी के दिन याद आ गए जब वो खेतों में छुप छुप कर चुदाई करते थे. बीच बीच में शमशेर अपना चेहरा दोनों मोटे मम्मों के बीच में रख कर कमला की छाती को धीरे शीरे छोम लेता.

चुदाई करते हुए वो सड़क से गुजरती हुई गाड़ियों की आवाज सुन सकते थे. दूसरी तरफ से पंछियों की आवाज आ रही थी. इसी समय एक मोटर-साइकिल पास में रुकी. और एक आदमी उन्हीं झाड़ियों के तरफ बढ़ रहा था जहाँ शमशेर और कमला अपनी काम क्रीडा कर रहे थे.

"इतने दिन बाद मेरी पसंद का लंड मिला है, आज मैं इसे जम के चोदूंगी भाई" कमला सिसकारी मारते हुए बोली.

शमशेर को कमला की चुदते हुए ऐसी गंदी गंदी बातें बोलने की आदत बड़ी पसंद थी. उसने

"अब तुम जब तक यहाँ हो, ये लंड कभी भी और कहीं भी हाज़िर जय तुम्हारी सेवा में", शमशेर अपनी कमर उठा उठा कर कमला की चूत चोदते हुए बोला.

कमला शमशेर के ऊपर झुक कर उसका चुम्मा लेने लगी. इसी समय उसे अपनी गांड के छेद पर कुछ गीला गरम गरम सी कोई चीज चुभती हुई महसूस हुई. शमशेर ने कमला की आँखें बंद कर दीं और पूछा,
"दरो मत, ये मेरा तुम्हें सरप्राइज देने का अत्रीका था. पहचानो तो ये दूसरा लौंडा किसका है"

"अब इस उम्र में तो याददाश्त इतनी कमज़ोर हो गयी है की ये बता पाना मुश्किल है. पर ये लगता तो जाना पहचाना है"

"अरे ये हमारे चाचा का बीटा बलविंदर उर्फ़ बल्ली है कमला. याद है हम दोनों ने श्यामपुर के मेले के बाहर खेतों में मिल के चोदा था?"

कमला को ये बिलकुल पता नहीं चला की कब बल्ली अपनी मोटर साइकिल उनकी कार के बगल में पार्क कर के उनके दबे पाँव उनके पास की झाड़ियों तक आया. उसने देखा कमला मजे ले कर अपने मोटे मोटे चुतड अपने बड़े भाई शमशेर के लंड पर पटक रही है, तो उसका 8 इंच का लौंडा तुरंत खड़ा हो गया. जैसे ही शमशेर ने उसे इशारा किया वो वो दबे पाँव पीछे से पीछे आया, अपना लंड निकला उसमें ठीक से थूक लगाया और भिड़ा दिया कमला की मोती गांड के छेद पर. इस पॉइंट पर, कमला ने अपनी गांड पर कुछ गीला गरम महसूस किया था.

कमला का मन बाग बाग हो रहा था. उसे अभी भी मेले के दिन का एक एक पल याद था.
"हाँ, अच्छी तरह याद है. तुम दोनों मुझे चोदते थक नहीं रहे थे और उसे दिन पहली बार मेरी गांड की चुदाई की गयी थी."

"दीदी, उसी दिन की याद में ये ले ...."

बल्ली ने ये बोलते हुए कमला की गांड में अपना 8 इंची लौंडा गपाक से पेल दिया. कमला इस आक्रमण को मानो चाहती तो थी पर पूरी तरह से तैयार नहीं थी. सो उसकी चीख निकल गयी. उसकी चीख वहां से जाते हुए किसी यात्री ने जरूर सुनी होगी. पर आजकल कौन किसी समस्या में फंसना चाहता है इस लिए इस तरफ आया नहीं.

कमला की गांड ने अब तक एडजस्ट हो गयी थी और उसे दो दो लौंड़े कह के जबर्दश्त मंजा आ रहा था.

"पेलो ओ...ओ.....ओ.....ओ.........मुझे.....फा....आ...आ...आ...आ...ड़...डाल मेरी गांड.....मेरी चूत मार ...."

शमशेर थोडा धीरे हो गए थे. चूँकि वो कमला को थोडा पहले से छोड़ रहे थे, वो चाहते थे उनका भाई बल्ली भी अपनी गाडी साथ में ले आये ....बल्ली गांड में अपना लंड गपागप डाल के छोड़ रहा था ...बाली की पत्नी सुषमा कभी उसको गांड चोदने नहीं देती थी. इसी लिए जब शमशेर ने कल उसे फ़ोन कर के कमला के बारे में बताया, वो इस चुदासीसीनता के कार्यक्रम को सम्पादित करने के लिए झट से राजी हो गया. वो भभक धक्के लगा रहा था. कमला अपनी गांड उठा उठा कर उसके धक्कों को अपनी गांड में ग्रहण कर रही थी. दोनों लगता है जैसे झड़ने के कगार पर थे. शमशेर ने भी अपने धक्के बाधा दिए.

कमला अपने दोनों भाइयों की अपने जलते बदन पर की गयी ऐसी आक्रामक चुदाई की कार्यवाही को प् कर निहाल हो गयी, उसे दोनों के लौंड़े अपने चूत और गांड के बीच की झिल्ली के बीच में रगड़ते हुए महसूस हो रहे थे.

"अरे ...पेलो ....जोर से...मेरा भक्काडा बना डालो ...ओ....ओ....." कमला ने सिसकारी भरी.

"ये ले बहना.....मेरा प्रसाद अपनी चूत में....." शमशेर बोला.

"और मेरा प्रसाद अपनी गांड में ले.....दीदी", बल्ली बोला.

तीनों ने अपना अपना माल अपने अपने हिस्से के छेद में अनलोड कर दिया. कमला को अपनी चूत और गांड दोनों में ही गरम गरम वीर्य की सिंकाई ऐसा सुख दे रही थी मानो वो ज़न्नत में हो.

जब लंड झड के ढीले हो गए तो ऑटोमेटिकली, बाहर निकल आये. कमला के दोनों छेदों से अपने भाइयों का वीर्य बाहर बहने लगा. कमला ने उसे अपने साडी के कोने से पोंछा. दोनों भाइयों ने उसके गाल पर एक साथ चूमा.

इस के पहले की कोई आता तीनों ने जल्दी से कपडे पहने. शमशेर और कमला गाडी से हवेली की तरफ बढे. बल्ली घर में ये कह के आया था की उसको शहर में काम था, सो वो वहीं रुक गया. वो वहीँ खेत की मुंडेर पर बैठा और बीडी सुलगा कर पीने लगा.

पर किसी को ये पता नहीं था बल्ली की पत्नी सुषमा को शक था उसका पति बल्ली कह तो शहर जाने के लिए रहा है. पर वास्तव में वो कुछ और करने जा रहा था. इस लिए घर के नौकर रघु के साथ उसने बल्ली का पीछा किया. और झाडी के पीछे से उनका सारा कार्य कलाप देखा और उसकी एम् एम् एस क्लिप बनायीं.

सुषमा इस सबूत को किसी सुरक्षित जगह रखना चाहती थी. उसे पता था की इस एम् एम् एस के बदौलत वो बहुत कुछ हासिल कर सकती थी. उसके मन में असल में क्या चल रहा था ये किसी को पता नहीं था. ठीक से शायद खुद सुषमा को भी नहीं.

Written by: MastramLegends

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